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जीने के लिए प्लायन एक अहम क्रिया है? |
आज से हजारों साल पहले मानव ने अफ्रीका से दुनिया भर में पलायन आरंभ किया। हर कोने को जानना और अपने लिए उपयुक्त स्थान की तलाश में सफर जारी है। आज भी यह जारी है, और सच तो यह है, कि यह सफर दुनिया में चल रहे हजारों प्राणी जातियों के सफर में एक है। वह सब सफर कर रहे हैं, अपने जीवन के लिए कोई अपने भोजन के लिए और कोई बदलते समय, मौसम और जलवायु के लिए।
कुल मिलाकर दुनिया एक सफर में है। कोई धीमी चाल में और कोई तीव्र। कोई हर समय सफर में ही है, कोई मौसम के साथ सफर में है, कोई साल में एक बार तो कोई जीवन में एक बार सफर में है।
यह सफर धरती पर बसे केवल प्राणी जगत के लिए नहीं है। यह सफर तो स्वयं इस धरती के लिए भी है, वह भी सफर में है। हमारी धरती सूरज का चक्कर लगा रही है, यह मौसम परिवर्तन का कारण है। धरती अपने अक्ष पर भी घूम रही है, और यह रात दिन के लिए कारण है। सूरज के सामने जो हिस्सा होगा वहां दिन होगा और यह 12 घंटे के समय के लिए है। धरती 23.5 डिग्री झुकी हुई भी है और यह ध्रुव पर एक महत्वपूर्ण घटना को जन्म देता है। छः माह दिन और छः माह रात, और यह यहां के जीवन को बहुत विशेष बना देता है।
यह किसी प्राणी की अनुकूलन क्षमता पर निर्भर है कि वह वहां जी रहा है। अन्य प्राणी जगत वहां से पलायन करें। छः माह की धूप में पिघलती बर्फ ध्रुव पर सभी जीवो को जल में ले आती है। वह अब केवल तैरेंगे। हालांकि वहां धूप इतनी गरम नहीं, किंतु यह है, और बर्फ को पिघलती है। क्योंकि तापमान शून्य से कुछ अधिक पहुंचता है।
तेज धूप और गर्म कालाहारी रेगिस्तान में पलायन के लिए जंगली भैंसें तैयार हैं। वह दूर कहीं जल की तलाश में सफर आरंभ कर रहे हैं। यह अफ्रीका का विशाल झुंड बनकर अपने जीवन के लिए सफर आरंभ करता है। इनका यह सफर अन्य जीवों के लिए भी भोजन का जरिया है। वहां राह में शेरों के लिए यह शिकार है। वे इस सफर का इंतजार करते हैं।
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