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Showing posts with the label देश-विदेश

🛑Live: india-Pakistan asia cup 2025 match

Time 8:43 फखर ज़मान को अक्षर पटेल ने अपनी पहले ही ओवर में पवेलियन वापस भेजा अक्षर मैच का आठवां ओवर करवा रहे हैं। 45 रन बनाकर तीन विकेट खो दिए हैं अब तक पाकिस्तान की टीम।। Time 8:13 बुमराह ने अपने ओवर की चौथी गेंद पर एक और विकेट के रूप में फखर जमाना को LBW की अपील की लेकिन रिव्यू में वे नॉट आउट हुए। दूसरे ओवर की समाप्त के बाद पाकिस्तान सात रन पर दो विकेट।। Time 8:10 जसप्रीत बुमराह ने अपने पहले ओवर में दूसरी गेंद पर पाकिस्तान के बल्लेबाज हारिश को पवेलियन वापस भेजा इसी के साथ मात्र 6 रन पर पाकिस्तान की टीम दो विकेट खो चुकी है। जसप्रीत बुमराह की इस गेंद पर हार्दिक पांड्या ने हारिश का कैच पकड़ा।। Time 8:03  हार्दिक पांडेय कि पहले ओवर में ही पहली गेंद पर सैम अयुब आउट होकर पवेलियन वापस लौटे जिनका कैच जसप्रीत बुमराह ने पकड़ा और से आयोग पहले ही ओवर में पहली गेंद पर पवेलियन वापस लौट गए। Time 7:32 एशिया कप 2025 के इस मैच में पाकिस्तान टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया है भारत के कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कहा हम गेंदबाजी करने के लिए तैयार ।हैं भारतीय  पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सह...

होमी जहांगीर भाभा और भारत का परमाणु परीक्षण

1966 में वियना जा रहे एक वायुयान के क्रेश हो जाने की घटना ने भारत के न्यूक्लियर रिसर्च की ओर बढ़ती आशाओं को धीमा कर दिया। इस विमान में होमी जहांगीर भाभा भी थे। वह इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी की एक कांफ्रेंस के लिए वियना जा रहे थे। भारत को पहले एटॉमिक बम बनाने का वादा करने वाले होमी जहांगीर भाभा, भारतीय एटॉमिक रिसर्च के फादर कहे जाते हैं।  यह उनकी मेहनत का ही फल था, कि उनकी मृत्यु के 8 वर्षों पश्चात भारत ने पहले एटॉमिक प्रशिक्षण में सफलता हासिल की। अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद वे इंजीनियरिंग के लिए कैंब्रिज गये। उनके पिता भी यही चाहते थे, कि वह इंजीनियरिंग करें और इसी में अपना भविष्य देखें। किंतु कैंब्रिज में कुछ लोगों से उनकी मुलाकात के कारण उनका झुकाव धीरे-धीरे मैथ्स और थियोरेटिकल फिजिक्स की ओर चला गया। उन्होंने कैंब्रिज में अपनी इंजीनियरिंग पूरी की। लेकिन इसी दरमियान उन्होंने अपने पिताजी को इस संदर्भ में खबर दी की वह अपने भविष्य में इंजीनियरिंग को लेकर इतने रुचिकर नहीं हैं। उन्होंने कैंब्रिज में ही न्यूक्लियर फिजिक्स में अपनी पीएचडी भी पूरी की। द्वितीय विश्व युद्ध के कारण जो क...

India vs England भारत की जीत | विशेष लेख

ये इंग्लिश क्या सोचते होंगे। भारत ने आज क्रिकेट के मैदान पर इंग्लैंड को काफी बड़े अंतर से हराया। यह कोई छोटा क्रिकेट मुकाबला नहीं है, यह विश्व कप है। वे लोग जो इंग्लैंड की ओर से अपनी टीम का समर्थन करने आए होंगे भले वे कम संख्या में थे, बेहद कम लेकिन अत्यधिक निराश हुए होंगे।   दरअसल यह जैंटलमैनों का खेल था, और एक जमाने में इंग्लैंड के लोगों के अलावा और किसे जेंटलमैन कहा जा सकता था। यह उन्हीं का खेल उन्हीं को आज मैदान पर मात देता है। हालांकि यह कोई बड़ी बात नहीं, खेल है और इसके दो पहलू हार और जीत हैं। अब हार हुई या जीत उसे स्वीकार करना भी खिलाड़ी का एक गुण है।    लेकिन यह मन है और यह सोचता जरूर होगा। बड़ी बात यह है, कि सामने भारत था, और उससे यह बड़ी हार कई पहलुओं को खुला कर देती है।  भारत ब्रिटिशों का गुलाम रहा मुल्क। ब्रिटिश क्रिकेटरों और उन जैंटलमैनों के शौक क्रिकेट खेल में भारतीय व्यक्ति फील्डिंग करता हुआ, केवल फील्डिंग।  वह लगान फिल्म भी याद आती है। हालांकि वहां क्रिकेट से कोई मतलब नहीं था, बस उस खेल को जीतकर ब्रिटिशों से कर की माफी स्वीकार करानी थी। हालांकि ...

रूस-यूक्रेन युद्ध का एक वर्ष पूर्ण | विशेष लेख

             रूस-यूक्रेन युद्ध एक वर्ष हो चुका है। रूस और यूक्रेन के मध्य युद्ध जारी है। यह युद्ध पूरी दुनिया के लिए मुसीबत बना हुआ है। कोरोना से उभरने के बाद कुछ गति जो विकास कार्यों की ओर अपेक्षित थी रूस-यूक्रेन युद्ध ने उस गाड़ी का टायर पंचर कर दिया। बात साफ है, वैश्वीकरण के युग में आप दुनिया के किसी राष्ट्र में हो रही हलचल से बिना प्रभावित हुए बचकर नहीं निकल सकते। हमारे देश में जो मांगे पैदा होती हैं, उनकी आपूर्ति के लिए विदेशों से आयात होता है, और विदेशों की आवश्यकता की आपूर्ति के लिए भारत उन्हें वस्तुएं निर्यात करता है। अतः हम संपूर्ण विश्व से परस्पर जुड़े हैं। इस वर्ष भारत को जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता के संदर्भ में प्रधानमंत्री जी ने इसीलिए ही कहा, कि कोई तीसरी दुनिया नहीं है हम सब एक नाव पर सवार है। यह कहने का तात्पर्य ही था कि हम सब की संपूर्ण दुनिया में तमाम राष्ट्रों की समस्याएं एक समान ही हैं। इसका प्रमाण दिया है, कोरोना महामारी ने और उसके बाद रूस-यूक्रेन युद्ध के समय दुनिया का हर राष्ट्र आज महंगाई, खाद्य संकट, ऊर्जा संकट आदि समस्याओं का स...

Metaverse explain in hindi आसान भाषा में समझे | facebook metaverse explanation

    फेसबुक ने नाम बदल लिया है। यह Meta हो गया है। फेसबुक ने अपना और उसकी अन्य सभी कंपनियों को मिलाकर एक पेरेंट ब्रेंड को जन्म दिया है। इस से तात्पर्य है कि, अब फेसबुक, व्हाट्सएप और इनस्टाग्राम आदि  सभी कंपनियां Meta के अंतर्गत आती हैं। कुछ ऐसे जैसे ब्रिटिश क्रॉउन कई औपनिवेशिक राष्ट्रों पर नियंत्रण रखता था।    किंतु सबसे अहम चर्चा का विषय है, कि नया नाम क्यों। नाम Meta हो गया है, इस नाम बदलने में और नाम Meta हो जाने मे Metaverse चर्चा में आ गया है। फेसबुक के सीईओ मार्क जुकवर्ग का कहना है, कि इंटरनेट का भविष्य Metaverse है, आज या कल यह सत्य होने वाला है।   अब यह जानना आवश्यक है, कि Metaverse क्या है, Metaverse में क्या कुछ ला पाना संभव है, इस पर साफ-साफ कह पाना तो फिलहाल संभव नहीं, किंतु यह वास्तविक दुनिया के समानांतर चलने वाली दुनिया होगी। यूं कहें कि आपके सामने साक्षात वह माहौल तैयार हो जाना, जहां आप होना चाहते हैं।     यूं तो यह शब्द Metaverse सर्वप्रथम एक नोबल Snow crash में छपा है, 1992 में नील स्टीफेनसन नाम के लेखक ने इस पुस्तक को प्र...

world pharmacist day in hindi | फार्मेसी क्या है फार्मेसी के जनक

  विश्व   फार्मासिस्ट डे प्रत्येक वर्ष 25 सितंबर को मनाया जाना सुनिश्चित है। यह फार्मासिस्टों द्वारा अनेकों लोगों को उनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए किए प्रयत्नों को उजागर करने और उनके योगदान को बढ़ावा देने का दिवस है। मनाने की शुरुआत- 2009 में तुर्की ( इंस्ताबुल ) से एक अंतरराष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल फेडरेशन (IFP) परिषद ने सर्वप्रथम इस दिन को यह महत्व देने की शुरुआत की थी। वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे की शुरुआत करने वाला तुर्की से अंतरराष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल फेडरेशन (IFP) का स्थापना वर्ष 1912 दिवस 25 सितंबर है। क्योंकि 25 सितंबर ही IFP का स्थापना दिनांक है, इसलिए भी तुर्की के IFP सदस्यों ने इस दिवस को ही आने वाले वर्षों में वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे के तौर पर मनाए जाने की मांग की। इस वर्ष की थीम- वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे मेहता उन फर्म स्टॉकिंग तमाम योगदान को देखते हुए हर साल एक नई थीम को इस दिवस पर निर्धारित किया जाता है 2020 में इस दिवस पर वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे की थीम “Transforming global health” रखी गई थी। इस वर्ष 2021 में इस दिवस पर वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे की थीम “Pharmacy: always trust...

अफगान समाचार | अफगान के सार्क संगठन में सम्मिलित होने के लिए कोशिश | Afganistan news

सार्क दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन में तालिबान के प्रवेश होकर सदस्य बनने के लिए पाकिस्तान की पुरजोर कोशिश नाकाम हो गई है। पाकिस्तान सार्क की बैठक में उपस्थित सदस्य राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों के समूह से इस विषय को लिए अगुवाई कर रहा था, कि तालिबान सार्क संगठन का सदस्य होना चाहिए। न्यूयॉर्क में हुई इस बैठक में सार्क संगठन के सदस्यों ने पाकिस्तान की कोशिश जो कि तालिबान की अगुवाई करते हुए सार्क में शामिल करने की थी, नकार दी और इस मसले पर आम सहमति न बन पाने से उस दिवस की बैठक ही रद्द कर दी गई। संगठन के सात राष्ट्र सदस्यों में से पाकिस्तान के अलावा तालिबान को मान्यता देने वाला कोई राष्ट्र नहीं है। यूएन में तालिबान की भाषण के लिए कोशिश- अफगान कि तालिबान सरकार को अब तक मान्यता यूएन से प्राप्त न होने के चलते भी तालिबान अपने प्रतिनिधि का नाम संयुक्त राष्ट्र को प्रेषित कर चुका है। जिसमें उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में तालिबान का प्रतिनिधित्व के लिए सुहैल साहीन का नाम संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस को भेज, 76वें सत्र में अपनी बात रखने के लिए इजाजत की मांग की है। तालिबान सरकार के विद...

23 september अंतरराष्ट्रीय संकेतिक भाषा दिवस | वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ

अंतरराष्ट्रीय संकेतिक भाषा दिवस- 23 सितंबर को संपूर्ण विश्व में अंतरराष्ट्रीय संकेतिक भाषा दिवस के रुप में मनाया जाता है। यह दिवस विश्व में भाषा के उस प्रकार के महत्व को प्रकाश में लाता है, जो हम आज भी भाषा के इतने विकास हो जाने के पश्चात प्रयोग कर ही देते हैं। उदाहरण के लिए हम संकेत कर अपने दोस्त को दर्शाते हैं, कि गाड़ी उस और गई है,  तुम्हारी पेन उस डेस्क में है, तुम्हारी सीट वह है आदि। भाषा हमारे आचार विचारों को व्यक्त करने का माध्यम है, और सांकेतिक भाषा संकेतों की भाषा है, जहां हम अपने भावों विचारों को संकेतों के माध्यम से व्यक्त करते हैं। यह दिवस विश्व भर में सांकेतिक भाषा के उत्थान की ओर कदम है। इस वर्ष 2021 सांकेतिक दिवस की थीम “वी साइन फॉर ह्यूमन राइट्स” रखा गया है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ ( world federation of the deaf ) – अंतरराष्ट्रीय संकेतिक भाषा दिवस की अवधारणा सर्वप्रथम वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ ( WFD ) द्वारा की गई। WFD स्थापना वर्ष 1957 दिवस 23 सितंबर है, जो कि विश्व भर में 135 राष्ट्रों के बधिर लोगों के हितों के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी गणना है, कि दुनिया भर में लगभग ...

अफगान घटनाक्रम | अफगान में महिलाएं | तालिबान को लेकर दुनिया

  तालिबान में महिलाएं- तालिबानी महिलाओं को लेकर कैसी मनः स्थिति में है, और समय के साथ कितना परिवर्तन स्वयं में ला पाने में वह सफल हो सका है, यह सब तालिबान से आने वाली खबरों में साफ हो रहा है, महिलाओं का सड़कों पर प्रदर्शन अपनी आजादी और खुली सांस की लड़ाई। तालिबान मानसिकता में जीवन के समस्त अधिकारों को वे खो नहीं देना चाहती। वे उन जंजीरों में बंध कर खुद को कैदी महसूस कर रही हैं। वह दुनिया में खुद को उन महिलाओं में गिनना चाहती हैं, जो हर विषय पर कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति की राह में सेवा दे सकती हैं। ऐसे में तालिबानी बुर्खा, हिजाब उन्हें तो जरूर ढक लेगा, किंतु उनके आक्रोश की ज्वाला, हक को लड़ने की मानसिकता को नहीं ढक सकता है, तालिबान से महिलाओं को लेकर सर्वाधिक पिछड़े फैसलों की अपडेट मिल रही हैं, किंतु अफगानी महिलाओं ने अपने अपने स्तर से इस मानसिकता के खिलाफ जंग को जारी रखने की मुहिम छोड़ी नहीं है। सोशल मीडिया पर रंग बिरंगे वस्त्रों में अपनी तस्वीरों को वह पोस्ट कर रही हैं। वे लिखती हैं, कि वह रंग बिरंगी पोशाक हमारी संस्कृति हैं, तालिबान हमारी पहचान तय नहीं करेगा। इस प्रकार से विरोध ...