सिंधु घाटी सभ्यता के विषय में यह दूसरा लेख है। वे लोग उस काल में भी व्यापार करते थे। विद्वानों का मत है, कि वह वैदिक सभ्यता के मुकाबले अधिक नगरीय तथा व्यापार प्रधान थे। उनका प्रमुख व्यवसाय कृषि आधारित ही नहीं था, बल्कि व्यापार भी था। खुदाई में ऐसे बीज मिले हैं, जो उनकी भूमि की उपज नहीं हैं। साथ ही वहां किसी राज प्रासाद का साक्ष्य नहीं मिला है। हां कई सभा भवन के खंडहर जरूर मिलें हैं। इससे उनके लोकतांत्रिक शासन के होने का अनुमान होता है। भारत में सिंधु घाटी की सभ्यता के उदय के दौर में ही विश्व के अन्य भागों में भी मानव उत्कृष्ट सभ्यता का जन्म हो रहा था। जो ज्ञात हैं वह, मिस्र की सभ्यता और मेसोपोटामिया की सभ्यता हैं। तीनों में उभयनिष्ठ है, कि वे नदी घाटी में उदित हुई। सिंधु नदी घाटी सभ्यता सिंधु नदी की घाटी में, मिस्र की सभ्यता नील नदी की घाटी में, और मेसोपोटामिया की सभ्यता दजला और फरात नदी की घाटी में प्राप्त हुई हैं। तीनों से सभ्यताएं उत्तर पाषाण काल के बाद की हैं। वह धातु काल की सभ्यताएं हैं। वह कांश्य तथा तांबे का प्रयोग करते थे। ...
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