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IND VS Pakistan T20 वर्ल्ड कप 2025 | Abhishek & Gill

Abhisek sharma अभिषेक शर्मा ने आज अपनी बल्लेबाजी से पाकिस्तान के सामने जिस तरह से खेला है, वे एक बुरा सपना बन गए हैं, विरोधी खिलाड़ियों के लिए। पहली गेंद पर आकर छक्के से शुरू करना और यह खेल कोई सामान्य नहीं है भारत और पाकिस्तान का मैच है सामने शहंशाह अफरीदी जैसा गेंदबाज जो नाम ही पर्याप्त है, की आपको संभल कर खेलना है। किंतु अभिषेक शर्मा ने जिस अंदाज में शुरू किया वह जैसे एक सौगंध रही हो। अपनी पारी में उन्होंने पांच छक्के जड़े, छह चौके और अपनी इस शानदार पारी में उन्होंने 190 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की है। किंतु इसमें अभिषेक शर्मा के माइंडसेट का खास योगदान है और अक्सर उनके इस माइंडसेट के पीछे भारत के पूर्व श्रेष्ठ बल्लेबाज युवराज सिंह से मिली सीख से जोड़ा जाता है उन्हें युवराज सिंह का अग्रज भी कह सकते हैं क्रिकेट के मैदान पर। लेकिन भारत के लिए T20 मैचों में ओपनिंग बल्लेबाज के तौर पर इस माइंडसेट के साथ खेल का एक अलग ही उदाहरण अभिषेक शर्मा बन गए हैं। यहां यह भी देखना होगा कि सामने सुभमन गिल थे जिन्होंने बड़ी संयम से पारी को ऐसे चलाया जैसे कि संदेश दे रहे हो की आक्रामकता में भी धैर्य उ...

वर्ल्ड क्रिकेट सेमीफाइनल IND vs NZ | विशेष लेख

वर्ल्ड क्रिकेट सेमीफाइनल IND vs NZ भारतीय क्रिकेट टीम वानखेड़े स्टेडियम की ओर रवाना हो रही है। हर चेहरा कितना मशहूर है, और खुश भी। वह सब कितने शानदार और सुंदर हैं। लेकिन उन्हीं चेहरों के पीछे जिम्मेदारियां का कितना भार है, अगर उनमें कोई उस भार को महसूस करने लगा हो तो अवश्य ही वह छुपाते छुपाते भी ना छुपा सकेगा। संपूर्ण भारत क्रिकेट का विशाल स्टेडियम है। तमाम विषयों में रुचि रखने वाले भारतीय, क्रिकेट के लिए विशेष रूप से समर्पित हैं। इसका प्रमाण है, दुनिया के किसी मैदान में क्रिकेट के लिए, भारतीय टीम के समर्थन के लिए भारतीयों की संख्या। यह हमेशा से गौर करने वाली है। हर भारतीय खिलाड़ी उस संख्या का सीधा भरवाहक है। वह हर खिलाड़ी जो क्रिकेट के लिए मशहूर है, जो भारतीय टीम का हिस्सा है, उसका स्वप्न है यह एक मैच खेलना, इस मैच में जीत की वजह बनना। नये खिलाड़ियों के लिए तो बड़ी चुनौती है और बाकी जो चेहरा जितना मशहूर उतनी आशाओं का वाहक। मैं उन्हीं चेहरों को पढ़ने का प्रयास कर रहा हूं, जिन्हें भारत के लिए आज मैदान पर उतरना है। लेकिन आप वहां केवल सहजता और वैल कम्फर्ट पाएंगे, और यही है जो उन्हें भारती...

महेंद्र सिंह धोनी | भारतीय क्रिकेट का सितारा

रेलवे प्लेटफार्म की बेंच पर बैठा युवा इंतजार कर रहा है। वह जीवन की सफलता के लिए प्रकाश चाहता है, जो उसकी राह प्रसस्त करे। वह असमंजस में है, कि वह अपनी रेलवे की नौकरी त्याग दे या नहीं। वहां परिवार बड़ी आश बांधे है, की पुत्र रेलवे में नौकरी पा गया है भविष्य सुरक्षित है। लेकिन महेंद्र इतने में संतुष्ट नहीं है, क्योंकि वह जीवन भर अब तक क्रिकेट के लिए समर्पित रहा है। वह एक श्रेष्ठ खिलाड़ी है। लेकिन योग बनते नहीं दिखे कि वह भारत के लिए खेले। यहां इस बेंच पर बैठा महेंद्र इसी के मध्य उलझा है, कि वह किस तरफ बढ़े। एक ओर तो वह रेलवे की नौकरी कर सकता है। वहीं दूसरी ओर क्रिकेट उसे बुला रहा है। वह आगे बढ़ना चाहता है। एक और उसके परिवार की आशाएं और खुशियां हैं, जो कहीं तो पूरी हो गई है, जबकि वह रेलवे में सरकारी नौकरी कर रहा है। लेकिन दूसरी ओर उसका मन स्थिर नहीं है। आती ट्रेन को देख वह स्पष्ट होता गया और भी अधिक कि उसे किस राह पर चलना है। रेलवे की नौकरी के बाद वह रोज खेलता तो है, लेकिन यह उसे कहीं लेकर नहीं जा रहा, वे खिलाड़ी जो रणजी में उसके साथ खेले उनमें कई आज भारतीय क्रिकेट के सितारे हो गए हैं। ट्र...

अब सचिन कहो या विराट! विशेष लेख

विराट कोहली ने क्रिकेट के मैदान पर उपलब्धियों के सबसे ऊंचे पायदान को छू लिया है। जिन्होंने उस पायदान को स्थापित किया था, वह भी भारतीय और आज फिर उसे दोहराया है वह भी भारतीय। विराट कोहली ने अपने वनडे इंटरनेशनल करियर में 49वां शतक लगाया है। और यह सचिन तेंदुलकर के ही बराबर है। अब विराट कोहली इस कीर्तिमान को छू चुके हैं। तो वह सचिन तेंदुलकर के समकक्ष हो गए हैं, यह बात होनी स्वाभाविक है। यह तो है, कि आधुनिक दौर के क्रिकेट में विराट कोहली ने एक स्तर स्थापित किया है, जिसे महान कहा जा सकता है। वह कीर्तिमान जो बीते समय में सचिन तेंदुलकर द्वारा स्थापित किए गए हैं, वे भावी भविष्य के लिए केवल महान कीर्तिमान नहीं, केवल प्रेरणा नहीं बल्कि आज यदि कोई उस कीर्तिमान को छूता है, उससे आगे बढ़ता है तो यह हमारी उन्नति का प्रतीक है। यह हमारे बढ़ते रहने का प्रतीक है। इसलिए कहते हैं कि रिकॉर्ड बनाये ही जाते हैं तोड़ने के लिए। क्योंकि हम भविष्य को उन्नति की ओर बढ़ता हुआ चाहते हैं, और ऐसा ही होता है। लेकिन यह तो है, कि इस कीर्तिमान को हासिल कर लेने से विराट कोहली ग्रेट विराट कोहली कहे जाने के और योग्य हो गए हैं...

अब सर्वश्रेष्ठ विराट कोहली कहो।

केवल खिलाड़ियों के साथ विराट कोहली मैदान पर नहीं खेल रहे हैं। वे वहीं से दर्शकों में मैदान की ऊर्जा भर रहे हैं। यह उनका एक अलग अंदाज दर्शाता है। और यही है जो विशाल संख्या में चाहने वालों को देता है। यही जो उन्हें सबसे अलग बनाता है। यह वह दौर है, जहां विराट कोहली अपने सर्वश्रेष्ठ पर हैं। किसी भी स्थिति में मजबूत और विश्वस्त। विराट आज अपने जन्मदिन पर सर सचिन तेंदुलकर के एक और विराट रिकॉर्ड को अपने नाम कर चुके हैं। वन डे इंटरनेशनल क्रिकेट में 49 बार सौ रनों की पारी। यह कैसा है, पहले तो आप अपने कठिन परिश्रम से भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनते हैं, जो अपने आप में एक महान सफलता है। लेकिन उसके बाद भी आप ठहर नहीं जाते, आप लगातार आगे बढ़ाने को उत्सुक हैं। आपमें प्यास है, और आप पूरी तरह से उसके लिए समर्पित हैं। आप लगातार नए प्रयोग करते हैं, और उनसे सीखते हैं। तब जाकर एक विराट “विराट कोहली” सामने आते हैं। जिन्हें देखकर ऐसा प्रतीत होता है, कि आज मैदान पर आए हैं तो जाने क्या रिकॉर्ड बनाने को। वह एक महान बल्लेबाज हैं, और इस बात को उन्होंने साबित किया है। क्रिकेट के इतिहास में महानता के उन आया...

मैं खेलूंगा | महान सचिन तेंदुलकर का उदय

हाल ही में वानखेड़े स्टेडियम मुंबई के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की एक प्रतिमा को अनावरित किया गया। सचिन तेंदुलकर स्वयं इसे उन तमाम सहयोगियों अपने साथी क्रिकेटरों के साथ होने का फल बताते हैं। वहीं भारत इस प्रतिमा को भारतीय क्रिकेट का एक समग्र स्वरूप के रूप में देख रहा है। सचिन तेंदुलकर की क्रिकेट की वह तमाम ऐतिहासिक परियां जाने कितनी बार भारतीयों के लिए गर्व करने का एक चेहरा बने श्री सचिन तेंदुलकर। उनका वह आरंभिक समय भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलना, वह एक मैच जिसकी चर्चा करना आज भी एक महान प्रेरणा है। वह मैच बताता है, कि क्यों सचिन तेंदुलकर महान सचिन तेंदुलकर हैं। केवल पंद्रह साल का एक बालक भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा एक मैच के दरमियान जब मैदान पर उतरता है, तो सामने विपक्षी खिलाड़ियों के तो पहले ही हौसले ऊंचाई पर थे। इसके दो कारण थे, एक तो केवल 24 रनों पर भारतीय टीम के चार बल्लेबाज वापस लौट गए थे। और दूसरा अब जो क्रीज पर खड़ा था, एक बालक केवल पंद्रह वर्ष का। गेंदबाजी पाकिस्तान के हाथों में थी, बेहद तेज गेंदबाज लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार और बड़े-बड़े नाम वकार यूनुस,...

गेंदबाजों का क्रिकेट | भारत Vs श्रीलंका

भारतीय क्रिकेट टीम का आज पूरी तरह से उत्साह पूर्ण प्रदर्शन रहा। यह निडर प्रदर्शन श्रीलंका के खिलाफ होना, भारतीय टीम के आत्मविश्वास का प्रदर्शन है। हालांकि भारत की ओर से स्कोर बोर्ड पर अच्छी चुनौती दी गई थी। लेकिन यह इतना भी दबाव पैदा नहीं करता है, कि श्रीलंका जैसी बड़ी टीम को इस स्थिति में ले आए। यहां भारतीय गेंदबाजी की बड़ी तारीफ करनी होगी। खास कर तेज गेंदबाज जो लगातार शानदार प्रदर्शन दे रहे हैं।   इस खेल में आज सिर्फ बॉल विकेट के लिए फेंकी जा रही थी, ऐसा प्रतीत हो रहा था। बल्ले ने भारत के खिलाफ ज्यादा कुछ नहीं कहा। यह श्रीलंका जैसी टीम के लिए बड़ी निराशा है। यह कुछ ऐसा ही था, जैसे तमाम अब तक हुए मैचों को जीत आने के बाद भारतीय टीम ने अपना वह सब अनुभव आज के मैच में उतार दिया हो। यह बड़ी जीत है। यह भारतीय टीम के मजबूत विजन को दर्शाता है। बैटिंग के शानदार प्रदर्शन के बाद गेंदबाजी में यह कर दिखाना पूरी तरह से एक तरफा मैच की स्थिति पैदा करने वाला रहा।   वहां जब से मोहम्मद शमी को खेलने को मैदान पर लाया गया है, उन्होंने अपनी जगह को पूरी तरह से निश्चित कर लिया है। हर मैच ...

श्रेयश अय्यर श्रीलंका के खिलाफ शानदार

इस वर्ल्ड कप में खिलाड़ियों का शानदार देखा गया। आज इसी लय में श्रेयश अय्यर ने भारतीय क्रिकेट टीम में अपने होने का प्रदर्शन किया। एक शानदार प्रदर्शन। यूं तो सुभमन गिल और विराट कोहली की भी एक लंबी शानदार पारी रही, लेकिन श्रेयश अय्यर आज के मैच में खास हैं। यह इसलिए भी क्योंकि इस वर्ल्ड कप में खेल प्रेमियों के साथ स्वयं श्रेयश अय्यर भी अपना सर्वश्रेष्ठ ढूंढ रहे थे।  भारतीय टीम का हिस्सा इस वर्ल्ड कप में श्रेयश अय्यर अब तक अपना खास नहीं दे पाए थे। पूर्व में एक मैच के बाद जब उन्हें बाहर रखा गया यह कहकर की फिटनेस संबंधी समस्या है, और ईशान किशन को उनकी जगह पर लाया गया तो उनकी ओर से एक निराशा प्रतिक्रिया प्रकट की गई, कि उन्हें यह सब का पता भी नहीं चला कि उन्हें कैसे प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा जा रहा है। यह भारतीय क्रिकेट टीम कप्तान और मैनेजमेंट के लिए बड़ी विडंबना है, कि कैसे खिलाड़ियों में सर्वश्रेष्ठ का चयन हो। क्योंकि भारत में प्रतिवर्ष होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग के चलते खिलाड़ियों का एक शानदार प्रदर्शन देखने को मिलता है। वही खिलाड़ी देश की टीम के लिए खेलने की योग्यता भी रखते हैं। ह...

भारतीय क्रिकेट टीम का सर्वश्रेष्ठ | विशेष लेख

 दूर इलाकों में कहीं जो युवा क्रिकेट खेल रहा है, और ऐसे हजारों मेहनती खिलाड़ी असल में इसी दिन के लिए हैं। कि जब उनमें से कोई भारतीय टीम का हिस्सा बने तो वह ऐसी क्रिकेट खेलें जो आज भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ खेली है।   उनकी ईमानदार मेहनत जो दुर्गम क्षेत्र में कम संसाधनों के साथ केवल एक उम्मीद पर चल रही है, उसका परिणाम एक मजबूत भारतीय टीम भी है। यह भारतीय टीम की ताकत है, कि मोहम्मद शमी जैसे शानदार खिलाड़ी भी बेंच पर बैठे रहते हैं।   मैं इस लेख को क्रिकेट विश्व कप 2023 के 29 अक्टूबर को हुए भारत बनाम इंग्लैंड मैच के बाद लिख रहा हूं। यह शानदार क्रिकेट प्रदर्शन भारतीय टीम को वर्ल्ड कप विजेता के रूप में दर्शाता है।   बुमराह और मोहम्मद शमी की आरंभिक गेंदबाजी ने सामने खड़े विपक्षी बल्लेबाजों को आश्चर्यजनक ढंग से आउट कर दिया। यह गेंदबाजी का बेहद उत्कृष्ट प्रदर्शन था। सबसे महत्वपूर्ण यह भारतीय क्रिकेट को उठाता है। युवा जो इस खेल के लिए समर्पित भाव से जुटे हुए हैं। इसे अपना भविष्य चुन चुके हैं। उनके लिए यह और अधिक मेहनत का सबक है।  और भारत में क्रिकेट ...

India vs England भारत की जीत | विशेष लेख

ये इंग्लिश क्या सोचते होंगे। भारत ने आज क्रिकेट के मैदान पर इंग्लैंड को काफी बड़े अंतर से हराया। यह कोई छोटा क्रिकेट मुकाबला नहीं है, यह विश्व कप है। वे लोग जो इंग्लैंड की ओर से अपनी टीम का समर्थन करने आए होंगे भले वे कम संख्या में थे, बेहद कम लेकिन अत्यधिक निराश हुए होंगे।   दरअसल यह जैंटलमैनों का खेल था, और एक जमाने में इंग्लैंड के लोगों के अलावा और किसे जेंटलमैन कहा जा सकता था। यह उन्हीं का खेल उन्हीं को आज मैदान पर मात देता है। हालांकि यह कोई बड़ी बात नहीं, खेल है और इसके दो पहलू हार और जीत हैं। अब हार हुई या जीत उसे स्वीकार करना भी खिलाड़ी का एक गुण है।    लेकिन यह मन है और यह सोचता जरूर होगा। बड़ी बात यह है, कि सामने भारत था, और उससे यह बड़ी हार कई पहलुओं को खुला कर देती है।  भारत ब्रिटिशों का गुलाम रहा मुल्क। ब्रिटिश क्रिकेटरों और उन जैंटलमैनों के शौक क्रिकेट खेल में भारतीय व्यक्ति फील्डिंग करता हुआ, केवल फील्डिंग।  वह लगान फिल्म भी याद आती है। हालांकि वहां क्रिकेट से कोई मतलब नहीं था, बस उस खेल को जीतकर ब्रिटिशों से कर की माफी स्वीकार करानी थी। हालांकि ...