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सोमवार, 24 फ़रवरी 2025

ICC-CT 2025 भारत-पाकिस्तान | शुभमन ने विराट की राह पकड़ ली है

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का 2025 भारत-पाकिस्तान का यह मैच बहुत कुछ बता रहा है। शुभमन गिल ने विराट की छाया ढूंढ ली है। अब करना यह है, उसे छोड़ना नहीं है, यही रास्ता है। 

आज का मैच शुभमन हर भार को खूबसूरती से बहन करते दिखे। भारत का क्रिकेट इन हाथों में खूबसूरत और उज्जवल लगता है ।


जब शुभमन, रोहित के साथ मैदान पर आए वह हमेशा की तरह किसी कार्यभार से मुक्त प्रतीत हो रहे थे। हां रोहित और विराट जैसे खिलाड़ी कुछ भार महसूस करते हैं, ऐसा प्रतीत होता है। क्योंकि उपलब्धियां जितनी बड़ी हासिल की हैं, उनसे जनता की अपेक्षाएं उतनी ही बड़ी हो गई हैं। शुभमन शांत और एक विद्यार्थी जैसा प्रतीत होता है। और यह सच भी है, विराट और रोहित जैसे दुनिया के क्रिकेट में लोहा मनवा चुके खिलाड़ियों के बीच वे मैदान पर विद्यार्थी ही हैं। बात गौर कि यह है कि उनमें यह विद्यार्थी पना झलकता है। और यह शुभमन को खास बनाता है। 

बात पहले से ही होती रही है कि विराट की राह शुभमन ने पकड़ ली है। हालांकि राह लंबी है, और उसमें हर दिन उन्हें नीरश मेहनत से होकर जाना है। विराट का कहना कि एक दिन मैदान पर चमकने के लिए पहले का हर दिन वह नीरश मेहनत।


आज शुभमन की एक-एक प्रहार बिल्कुल सटीक और केंद्रित था। शुभमन, भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्जवल है इसका प्रदर्शन दे रहे हैं, और सामने किंग कोहली उन्हें शिखर की ऊंचाई बता रहे हैं।।

बुधवार, 15 नवंबर 2023

वर्ल्ड क्रिकेट सेमीफाइनल IND vs NZ | विशेष लेख

वर्ल्ड क्रिकेट सेमीफाइनल IND vs NZ

भारतीय क्रिकेट टीम वानखेड़े स्टेडियम की ओर रवाना हो रही है। हर चेहरा कितना मशहूर है, और खुश भी। वह सब कितने शानदार और सुंदर हैं। लेकिन उन्हीं चेहरों के पीछे जिम्मेदारियां का कितना भार है, अगर उनमें कोई उस भार को महसूस करने लगा हो तो अवश्य ही वह छुपाते छुपाते भी ना छुपा सकेगा।

संपूर्ण भारत क्रिकेट का विशाल स्टेडियम है। तमाम विषयों में रुचि रखने वाले भारतीय, क्रिकेट के लिए विशेष रूप से समर्पित हैं। इसका प्रमाण है, दुनिया के किसी मैदान में क्रिकेट के लिए, भारतीय टीम के समर्थन के लिए भारतीयों की संख्या। यह हमेशा से गौर करने वाली है।

हर भारतीय खिलाड़ी उस संख्या का सीधा भरवाहक है। वह हर खिलाड़ी जो क्रिकेट के लिए मशहूर है, जो भारतीय टीम का हिस्सा है, उसका स्वप्न है यह एक मैच खेलना, इस मैच में जीत की वजह बनना। नये खिलाड़ियों के लिए तो बड़ी चुनौती है और बाकी जो चेहरा जितना मशहूर उतनी आशाओं का वाहक।

मैं उन्हीं चेहरों को पढ़ने का प्रयास कर रहा हूं, जिन्हें भारत के लिए आज मैदान पर उतरना है। लेकिन आप वहां केवल सहजता और वैल कम्फर्ट पाएंगे, और यही है जो उन्हें भारतीय टीम का हिस्सा बनाता है। वह हर खिलाड़ी हमेशा की तरह है, क्योंकि वह जिन रास्तों को पार कर यहां पहुंचे हैं, वहां वे उन सब भावों को छोड़ आए हैं। इसलिए एक सामान्य व्यक्ति की तरह इस मैच की अहमियत उनके मैदान पर प्रदर्शन को प्रभावित नहीं करेगी, और ना ही उनके चेहरे के भावों को।

यह हार्ड प्रेशर नॉकआउट मैच आपको प्रभावित नहीं करता। आप हमेशा की तरह ही खेलना चाहते हैं। मैदान पर उतरने के बाद तुरंत ही रोहित शर्मा के दो चौकों ने साफ कर दिया कि हम जहां हैं वह क्रिकेट की सर्वोत्तम स्थित है, और हम तैयार हैं…

मंगलवार, 14 नवंबर 2023

महेंद्र सिंह धोनी | भारतीय क्रिकेट का सितारा

रेलवे प्लेटफार्म की बेंच पर बैठा युवा इंतजार कर रहा है। वह जीवन की सफलता के लिए प्रकाश चाहता है, जो उसकी राह प्रसस्त करे। वह असमंजस में है, कि वह अपनी रेलवे की नौकरी त्याग दे या नहीं।
वहां परिवार बड़ी आश बांधे है, की पुत्र रेलवे में नौकरी पा गया है भविष्य सुरक्षित है। लेकिन महेंद्र इतने में संतुष्ट नहीं है, क्योंकि वह जीवन भर अब तक क्रिकेट के लिए समर्पित रहा है। वह एक श्रेष्ठ खिलाड़ी है। लेकिन योग बनते नहीं दिखे कि वह भारत के लिए खेले।

यहां इस बेंच पर बैठा महेंद्र इसी के मध्य उलझा है, कि वह किस तरफ बढ़े। एक ओर तो वह रेलवे की नौकरी कर सकता है। वहीं दूसरी ओर क्रिकेट उसे बुला रहा है। वह आगे बढ़ना चाहता है। एक और उसके परिवार की आशाएं और खुशियां हैं, जो कहीं तो पूरी हो गई है, जबकि वह रेलवे में सरकारी नौकरी कर रहा है। लेकिन दूसरी ओर उसका मन स्थिर नहीं है।

आती ट्रेन को देख वह स्पष्ट होता गया और भी अधिक कि उसे किस राह पर चलना है। रेलवे की नौकरी के बाद वह रोज खेलता तो है, लेकिन यह उसे कहीं लेकर नहीं जा रहा, वे खिलाड़ी जो रणजी में उसके साथ खेले उनमें कई आज भारतीय क्रिकेट के सितारे हो गए हैं।
ट्रेन उसकी तरफ बढ़ रही है, ट्रेन की हेडलाइट उसके लिए क्रिकेट स्टेडियम के लाइट्स की तरह बनती चली गई। ट्रेन का शोर उसके नाम के शोर में तब्दील हो गया, जैसे कि वह भारतीय टीम के लिए क्रिकेट के मैदान पर उतर रहा हो एक महान पारी के लिए और वह दौड़कर ट्रेन को पकड़ लेता है। और चल पड़ता है, अपनी नौकरी को हमेशा के लिए छोड़कर जरूर अपने परिवार की उन खुशियों को तोड़कर लेकिन वह आगे निकलना चाहता है।
भारतीय क्रिकेट के लिए उसे बहुत करना है। उससे सब का पसंदीदा खिलाड़ी कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी बनना है, और वह बना दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट कप्तानों में एक श्री महेंद्र सिंह धोनी।।

सोमवार, 6 नवंबर 2023

अब सचिन कहो या विराट! विशेष लेख

विराट कोहली ने क्रिकेट के मैदान पर उपलब्धियों के सबसे ऊंचे पायदान को छू लिया है। जिन्होंने उस पायदान को स्थापित किया था, वह भी भारतीय और आज फिर उसे दोहराया है वह भी भारतीय।

विराट कोहली ने अपने वनडे इंटरनेशनल करियर में 49वां शतक लगाया है। और यह सचिन तेंदुलकर के ही बराबर है। अब विराट कोहली इस कीर्तिमान को छू चुके हैं। तो वह सचिन तेंदुलकर के समकक्ष हो गए हैं, यह बात होनी स्वाभाविक है।

यह तो है, कि आधुनिक दौर के क्रिकेट में विराट कोहली ने एक स्तर स्थापित किया है, जिसे महान कहा जा सकता है। वह कीर्तिमान जो बीते समय में सचिन तेंदुलकर द्वारा स्थापित किए गए हैं, वे भावी भविष्य के लिए केवल महान कीर्तिमान नहीं, केवल प्रेरणा नहीं बल्कि आज यदि कोई उस कीर्तिमान को छूता है, उससे आगे बढ़ता है तो यह हमारी उन्नति का प्रतीक है। यह हमारे बढ़ते रहने का प्रतीक है। इसलिए कहते हैं कि रिकॉर्ड बनाये ही जाते हैं तोड़ने के लिए। क्योंकि हम भविष्य को उन्नति की ओर बढ़ता हुआ चाहते हैं, और ऐसा ही होता है।

लेकिन यह तो है, कि इस कीर्तिमान को हासिल कर लेने से विराट कोहली ग्रेट विराट कोहली कहे जाने के और योग्य हो गए हैं। तो अब उस सवाल कि सचिन के समकक्ष हैं विराट कोहली?

इस सवाल को कैसे जवाब दिया जाए जिससे महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और उनके तमाम प्रशंसको तथा विराट कोहली और उनके प्रशंसकों जो की एक समान भी हैं तथा विचारों के उन तमाम पहलुओं जो इससे संबंधित है, के साथ न्याय हो सके।

यह भारत का सौभाग्य है कि क्रिकेट के दो महान सितारे हमारे हैं, और वे हमारे साथ हैं। लगभग एक ही दौर में इन दो महान उपलब्धियां ने हमें चर्चा की ओर और करीब लाया है।

सन् 2012 में सचिन तेंदुलकर ने अपना 100वां शतक लगाकर दुनिया के लिए क्रिकेट जगत में महानता का स्तर स्थापित किया। इस समय तक विराट कोहली भी भारतीय क्रिकेट टीम में अपने लगभग चार वर्ष पूरे कर चुके थे। जब सचिन तेंदुलकर फलक पर थे, तब विराट कोहली अपना आधार बना रहे थे। यहां शुरुआत और मुकाम साथ थे। यहां एक रोल मॉडल बना और विराट कोहली ने उन्हें गहराई से जाना और बहुत लग्नशील होकर उनका अनुसरण किया। इसी का नतीजा सामने है, आज उनके लिए कोई रिकॉर्ड कठिन नहीं है। वे मैदान पर उतरते हैं, कि आज जिस मुकाम पर वे हैं वहां नए रिकॉर्ड बनते चले जाते हैं।

आप यह भी कह सकते हैं, कि विराट कोहली के लिए मुकाम सचिन तेंदुलकर ने स्थापित किया था। हालांकि यह सब उनकी काबिलियत उनके धैर्य और समर्पण का फल है, जो भारत को विराट कोहली में सचिन तेंदुलकर का रूप दिखा है। और यह सचिन तेंदुलकर का महान खेल रहा है, की हर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी की तुलना उनसे होगी, क्योंकि वह वे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने सबसे पहले आने वाली कई पीढ़ियों के लिए एक मुकाम स्थापित किया।

जो उस उपलब्धि को हासिल करेगा, वह स्वत: ही महान होगा। किंतु ऐसा कितनी ही बार भविष्य में होता रहे, आप इस बात को स्वीकार करेंगे, कि वह कभी सचिन तेंदुलकर के समकक्ष नहीं होगा।।

रविवार, 5 नवंबर 2023

अब सर्वश्रेष्ठ विराट कोहली कहो।

केवल खिलाड़ियों के साथ विराट कोहली मैदान पर नहीं खेल रहे हैं। वे वहीं से दर्शकों में मैदान की ऊर्जा भर रहे हैं। यह उनका एक अलग अंदाज दर्शाता है। और यही है जो विशाल संख्या में चाहने वालों को देता है। यही जो उन्हें सबसे अलग बनाता है।

यह वह दौर है, जहां विराट कोहली अपने सर्वश्रेष्ठ पर हैं। किसी भी स्थिति में मजबूत और विश्वस्त। विराट आज अपने जन्मदिन पर सर सचिन तेंदुलकर के एक और विराट रिकॉर्ड को अपने नाम कर चुके हैं। वन डे इंटरनेशनल क्रिकेट में 49 बार सौ रनों की पारी। यह कैसा है, पहले तो आप अपने कठिन परिश्रम से भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनते हैं, जो अपने आप में एक महान सफलता है। लेकिन उसके बाद भी आप ठहर नहीं जाते, आप लगातार आगे बढ़ाने को उत्सुक हैं। आपमें प्यास है, और आप पूरी तरह से उसके लिए समर्पित हैं। आप लगातार नए प्रयोग करते हैं, और उनसे सीखते हैं। तब जाकर एक विराट “विराट कोहली” सामने आते हैं। जिन्हें देखकर ऐसा प्रतीत होता है, कि आज मैदान पर आए हैं तो जाने क्या रिकॉर्ड बनाने को।

वह एक महान बल्लेबाज हैं, और इस बात को उन्होंने साबित किया है। क्रिकेट के इतिहास में महानता के उन आयामों पर कदम रखकर आज वे क्रिकेट जगत का ऐसा सितारा बन गए हैं। जिसकी रोशनी सतत है, और वह आने वाली कई पीढ़ियों को सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट की परिभाषा बताएगी।

हैप्पी बर्थडे विराट “विराट कोहली”।

शुक्रवार, 3 नवंबर 2023

मैं खेलूंगा | महान सचिन तेंदुलकर का उदय

हाल ही में वानखेड़े स्टेडियम मुंबई के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की एक प्रतिमा को अनावरित किया गया। सचिन तेंदुलकर स्वयं इसे उन तमाम सहयोगियों अपने साथी क्रिकेटरों के साथ होने का फल बताते हैं। वहीं भारत इस प्रतिमा को भारतीय क्रिकेट का एक समग्र स्वरूप के रूप में देख रहा है।

सचिन तेंदुलकर की क्रिकेट की वह तमाम ऐतिहासिक परियां जाने कितनी बार भारतीयों के लिए गर्व करने का एक चेहरा बने श्री सचिन तेंदुलकर। उनका वह आरंभिक समय भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलना, वह एक मैच जिसकी चर्चा करना आज भी एक महान प्रेरणा है। वह मैच बताता है, कि क्यों सचिन तेंदुलकर महान सचिन तेंदुलकर हैं।

केवल पंद्रह साल का एक बालक भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा एक मैच के दरमियान जब मैदान पर उतरता है, तो सामने विपक्षी खिलाड़ियों के तो पहले ही हौसले ऊंचाई पर थे। इसके दो कारण थे, एक तो केवल 24 रनों पर भारतीय टीम के चार बल्लेबाज वापस लौट गए थे। और दूसरा अब जो क्रीज पर खड़ा था, एक बालक केवल पंद्रह वर्ष का।

गेंदबाजी पाकिस्तान के हाथों में थी, बेहद तेज गेंदबाज लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार और बड़े-बड़े नाम वकार यूनुस, इमरान खान और वसीम अकरम जैसे गेंदबाज।

पहली गेंद जो उस बालक के सामने से यूं जाकर निकली जैसे गेंद हो ही न केवल हवा का झोंका हो। सामने दूसरे छोर पर नवजोत सिंह सिद्धू जो खड़े थे, जाकर पूछते हैं तो बालक ने कहा मैं ठीक हूं।

अगली गेंद एक बाउंसर थी, और उस बालक के हेलमेट से नाक पर जा लगी, यह बहुत तेज था। वहां खून बहने लगा एक पंद्रह वर्ष का बालक भारतीय टीम के लिए खेलता हुआ। दर्शकों कि जहां पूर्व से ही एक पंद्रह वर्षीय बालक को लेकर सहानुभूति थी, इसलिए क्योंकि पाकिस्तान के तेज गेंदबाजों के सामने वह किसी भी प्रकार से सक्षम नहीं दिख रहा था। दर्शकों का तो साफ मानना था, कि इतनी कम उम्र के बालक को इतने बड़े मैच में कैसे खेलने दिया गया है। 

वहां खिलाड़ी और डॉक्टर खड़े हुए और अब उस बालक को मैदान छोड़ने को कहा गया वह जाए और कुछ समय आराम करे।लेकिन उस बालक ने इन तमाम बातों को नकार दिया। अपने आत्मविश्वास और मजबूत इरादे को जाहिर किया। दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की।

वह बोला और जो बोला वह आज तक नये बल्लेबाजों के लिए महान प्रेरणा है। वह बालक कहता है “मैं खेलूंगा”

यह कोई और नहीं सचिन तेंदुलकर थे। और यहां इस मैदान में भारतीय क्रिकेट का एक सितारा पैदा हुआ। वह खेला और ऐसा खेला की भारत ही नहीं दुनिया क्रिकेट से उसे नहीं पहचानती बल्कि उसके चेहरे से क्रिकेट को पहचानती हैं।।

गुरुवार, 2 नवंबर 2023

गेंदबाजों का क्रिकेट | भारत Vs श्रीलंका

भारतीय क्रिकेट टीम का आज पूरी तरह से उत्साह पूर्ण प्रदर्शन रहा। यह निडर प्रदर्शन श्रीलंका के खिलाफ होना, भारतीय टीम के आत्मविश्वास का प्रदर्शन है। हालांकि भारत की ओर से स्कोर बोर्ड पर अच्छी चुनौती दी गई थी। लेकिन यह इतना भी दबाव पैदा नहीं करता है, कि श्रीलंका जैसी बड़ी टीम को इस स्थिति में ले आए। यहां भारतीय गेंदबाजी की बड़ी तारीफ करनी होगी। खास कर तेज गेंदबाज जो लगातार शानदार प्रदर्शन दे रहे हैं।

  इस खेल में आज सिर्फ बॉल विकेट के लिए फेंकी जा रही थी, ऐसा प्रतीत हो रहा था। बल्ले ने भारत के खिलाफ ज्यादा कुछ नहीं कहा। यह श्रीलंका जैसी टीम के लिए बड़ी निराशा है। यह कुछ ऐसा ही था, जैसे तमाम अब तक हुए मैचों को जीत आने के बाद भारतीय टीम ने अपना वह सब अनुभव आज के मैच में उतार दिया हो। यह बड़ी जीत है। यह भारतीय टीम के मजबूत विजन को दर्शाता है। बैटिंग के शानदार प्रदर्शन के बाद गेंदबाजी में यह कर दिखाना पूरी तरह से एक तरफा मैच की स्थिति पैदा करने वाला रहा।

  वहां जब से मोहम्मद शमी को खेलने को मैदान पर लाया गया है, उन्होंने अपनी जगह को पूरी तरह से निश्चित कर लिया है। हर मैच में अपना पूर्ण देकर बेहतरीन प्रदर्शन किया है। यह फटा पोस्टर निकला हीरो जैसा है।

  यह प्रदर्शन जहां केवल बल्लेबाज मैच जीतने वाले हीरो की तरह सामने नहीं है, बल्कि भारतीय गेंदबाजों ने भी कुछ ऐसा दर्शाया है, कि यदि वह लय में हैं, तो किसी टीम को बेहद कम रनों पर रोक सकते हैं, और यहां तो टीम भी श्रीलंका है।

  यह टीम आज के प्रदर्शन से कई बड़ी टीम है। हम सभी जानते हैं कि श्रीलंका क्रिकेट टीम बेहद शानदार है। उनकी गेंदबाजी ने भी अच्छा काम किया। हालांकि इस सब में भारतीय टीम ने स्कोर बोर्ड पर अच्छी चुनौती दी, लेकिन यह अजेय लक्ष्य नहीं था। लेकिन अंतिम रूप से जहां श्रीलंका की बैटिंग जो अच्छी मानी जाती है, यदि पूरी तरह से नाकाम रही, तो यह भारतीय गेंदबाजों को श्रेय जाता है। और आज भले ही तीन भारतीय बैट्समैन शतक से बिल्कुल करीब तक गए हो और बेहद शानदार प्रदर्शन किया हो लेकिन अंतिम रूप से भारतीय तेज गेंदबाजों ने इस शाम को अपने नाम कर दिया।।

श्रेयश अय्यर श्रीलंका के खिलाफ शानदार

इस वर्ल्ड कप में खिलाड़ियों का शानदार देखा गया। आज इसी लय में श्रेयश अय्यर ने भारतीय क्रिकेट टीम में अपने होने का प्रदर्शन किया। एक शानदार प्रदर्शन। यूं तो सुभमन गिल और विराट कोहली की भी एक लंबी शानदार पारी रही, लेकिन श्रेयश अय्यर आज के मैच में खास हैं। यह इसलिए भी क्योंकि इस वर्ल्ड कप में खेल प्रेमियों के साथ स्वयं श्रेयश अय्यर भी अपना सर्वश्रेष्ठ ढूंढ रहे थे।

 भारतीय टीम का हिस्सा इस वर्ल्ड कप में श्रेयश अय्यर अब तक अपना खास नहीं दे पाए थे। पूर्व में एक मैच के बाद जब उन्हें बाहर रखा गया यह कहकर की फिटनेस संबंधी समस्या है, और ईशान किशन को उनकी जगह पर लाया गया तो उनकी ओर से एक निराशा प्रतिक्रिया प्रकट की गई, कि उन्हें यह सब का पता भी नहीं चला कि उन्हें कैसे प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा जा रहा है।

यह भारतीय क्रिकेट टीम कप्तान और मैनेजमेंट के लिए बड़ी विडंबना है, कि कैसे खिलाड़ियों में सर्वश्रेष्ठ का चयन हो। क्योंकि भारत में प्रतिवर्ष होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग के चलते खिलाड़ियों का एक शानदार प्रदर्शन देखने को मिलता है। वही खिलाड़ी देश की टीम के लिए खेलने की योग्यता भी रखते हैं। हालांकि वहां खेल रहे खिलाड़ी खेल प्रेमियों के सामने एक हीरो की छवि तो हासिल कर ही लेते हैं। उनके अपने-अपने चाहने वाले भी होते हैं, जो उनके लिए केवल उनके लिए मैदान में दर्शक बन बैठे होते हैं। इसमें जब खिलाड़ियों का भारतीय टीम के लिए चयन किया जाता है, तो खेल प्रेमियों की इच्छा और खेल मैनेजमेंट के द्वारा चयन किए गए खिलाड़ियों में गतिरोध बनना तय होता है। लेकिन फिर भी जिन भी खिलाड़ियों का चयन किया जाता है, वह श्रेष्ठ ही होते हैं।

आज श्रेयश अय्यर ने यही दर्शाया की काफी समय से इस टूर्नामेंट में शांत उनका बल्ला समय पर अपनी उपस्थिति दिखा सकता है। आज उनके बल्ले ने जिन छक्कों की झड़ी लगाई गई, वह उनके शानदार खिलाड़ी होने की पहचान है। खेल में एक रौनक बांध कर रखी थी, श्रेयस अय्यर ने।

उनके बल्ले से निकले छह छक्कों में एक इस टूर्नामेंट का सबसे लंबा छक्का है, जो 106 मी का है। श्रेयश अय्यर आज की शाम के हीरो बनकर भारत के लिए एक शानदार पारी को जमाते हैं।।

सोमवार, 30 अक्टूबर 2023

भारतीय क्रिकेट टीम का सर्वश्रेष्ठ | विशेष लेख

 दूर इलाकों में कहीं जो युवा क्रिकेट खेल रहा है, और ऐसे हजारों मेहनती खिलाड़ी असल में इसी दिन के लिए हैं। कि जब उनमें से कोई भारतीय टीम का हिस्सा बने तो वह ऐसी क्रिकेट खेलें जो आज भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ खेली है।

  उनकी ईमानदार मेहनत जो दुर्गम क्षेत्र में कम संसाधनों के साथ केवल एक उम्मीद पर चल रही है, उसका परिणाम एक मजबूत भारतीय टीम भी है। यह भारतीय टीम की ताकत है, कि मोहम्मद शमी जैसे शानदार खिलाड़ी भी बेंच पर बैठे रहते हैं।

  मैं इस लेख को क्रिकेट विश्व कप 2023 के 29 अक्टूबर को हुए भारत बनाम इंग्लैंड मैच के बाद लिख रहा हूं। यह शानदार क्रिकेट प्रदर्शन भारतीय टीम को वर्ल्ड कप विजेता के रूप में दर्शाता है।

  बुमराह और मोहम्मद शमी की आरंभिक गेंदबाजी ने सामने खड़े विपक्षी बल्लेबाजों को आश्चर्यजनक ढंग से आउट कर दिया। यह गेंदबाजी का बेहद उत्कृष्ट प्रदर्शन था। सबसे महत्वपूर्ण यह भारतीय क्रिकेट को उठाता है। युवा जो इस खेल के लिए समर्पित भाव से जुटे हुए हैं। इसे अपना भविष्य चुन चुके हैं। उनके लिए यह और अधिक मेहनत का सबक है।

 और भारत में क्रिकेट इतने विशाल खेल प्रेमियों की वजह क्या है? यही बस इस खेल में जीत और हार लाखों दिलों को खुश करती है या निराश कर देती है। हर व्यक्ति इस खेल से जुड़ा है। इस खेल में अपने हीरो को देखता है। देश में हर खिलाड़ी जो एक छोटे से प्लेटफार्म पर खेल रहा है, उसकी ईमानदार कोशिश उन बड़े स्तर पर खेल रहे खिलाड़ियों का कद बनाता है।

दरअसल यह देश के किसी कोने में खेल रहे खिलाड़ी की मेहनत का ही फल है। क्योंकि उसकी ईमानदार मेहनत और उसका उन छोटे स्तरों पर खेलना एक बड़ी भारतीय टीम को गठित करता है। उसे छोटे स्तर पर उसके खेल से जन्मी प्रतिस्पर्धा एक भावी खिलाड़ी को अत्यधिक मेहनत के लिए प्रेरित करती है। इन छोटे स्तरों पर जन्मी इस प्रतिस्पर्धा के चलते ही महान खिलाड़ियों का उदय संभव है।।

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नमस्कार साथियों मेरा नाम दिवाकर गोदियाल है। यहां हर आर्टिकल या तो सामाजिक सरोकारों से जुड़ा है, या जीवन के निजी अनुभव से, शिक्षा, साहित्य, जन जागरण, व्यंग्य इत्यादि से संबंधित लेख इस ब्लॉग पर आप प्राप्त करेंगे 🙏