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गुरुवार, 29 सितंबर 2022

जूलियस सीज़र | प्रकरण 2 | पोम्पी और सीजर में दूरी

जूलियस सीज़र

रोम की राजनीति में तीन बातें उस समय तक, जिसमें एक राज परिवार की औरतों द्वारा पुरुषों पर वर्चस्व रखना, या पीछे से शासन में हस्तक्षेप रखना, और कहीं तो राज परिवार में औरत ही राजनीति में मुख्य भूमिका में होती थीं। वही दूसरा, की राज परिवार अपने पुत्र पुत्रियों का प्रयोग अपनी राजनीति जमाने में भी करते थे। अपनी पुत्री का विवाह किसी व्यक्ति से कर जो वर्चस्व शाली प्रतीत होता है। या राजनीति में जो स्थान मजबूत रखता है। और तीसरी बात, अहम अंधविश्वास और जादू टोना तथा बलि देकर अपनी कामना के लिए अपनी देवी से प्रार्थना करना। आगे हम जानेंगे कैसे ब्रूटस जब मारा जाता है, तब उसकी मां शाप देते हुए अपनी आत्महत्या कर देती है।

उधर पोम्पी मैग्नेस और जूलियस सीज़र में दूरियां बढ़ रही हैं। पिछले प्रकरण में हमने जान लिया था, कि पोम्पी मैग्नेस जो रोम में शांति बनाए रखे है, लगभग 8 वर्षों से जिन वर्षों में जूलियस सीज़र यूरोप के तमाम देशों में अपनी सेना के साथ विजय का पताका फहरा रहा था। दरअसल इस विजय अभियान का अहम कारण 390 ईसा पूर्व में गॉल द्वारा रोम शहर पर हुए आक्रमण और उसे लूट लेने से जन्मा था। इस अपमान का बदला लेने गॉल पर रोम ने आक्रमण किया।

  गॉल शब्द रोमन का ही उस क्षेत्र को दिया गया था। वर्तमान में इस क्षेत्र में फ्रांस, बेल्जियम, लक्जमबर्ग और नीदरलैंड का कुछ भाग, स्विट्जरलैंड, जर्मनी का कुछ भाग और इटली का वर्तमान का कुछ भाग इसमें आता था।

पोम्पी मेग्नस को यह मालूम था, कि सीजर बहुत धनवान हो चुका है। और शक्तिशाली भी उसके पास अनेक सैनिक हैं। और कई शत्रु देशों के पकड़े सैनिक, औरत, बच्चे सभी दासो के रूप में रोम के बाजारों में बेचे जाते थे। वही रोम की जनता जब जुलियस सीजर के विजय की खबर सुनती, तो वह अपने विजेता प्रतिनिधि जुलियस सीजर को शक्तिशाली और अपने अपमान का बदला लेने वाला मानती और अपना रक्षक मानने लगती है। जुलियस सीजर रोम की जनता में भी अपने विजय अभियान की सफलता की वजह से अधिक लोकप्रिय होता जाता है। वही जब सैनिकों की कोई टुकड़ी युद्ध क्षेत्र से रोम लौटती तो वह बहुमूल्य वस्तुएं, धातुएं अपने साथ लाते। लूटा हुआ खजाना लोगों में गलियों में से वे बांटते हुए निकलते। सिक्कों की बौछारें की जाती, और रोम में उन्हें हीरो की तरह देखा जाता। एक सैनिक बेड़ा भी इतना धनवान होकर लौटता की पोम्पी मैग्नेस को उनकी शक्ति अपने पद और समृद्धि से अधिक लगने लगी। किंतु उसे जो रोके हुए था। वह जुलियस सीजर की दोस्ती। किंतु यह अधिक समय तक उसे रोक न सकी, क्योंकि सीनेट में कई सदस्य जो अब अनुमान लगा रहे थे, कि जूलियस सीज़र अपने आप को तानाशाह घोषित कर देगा, और गणतंत्र को समाप्त कर देगा। वह पोम्पी मैग्नेस को गणतंत्र की रक्षा के लिए नेतृत्व करने को उकसाते हैं। और वे इसमें सफल भी हो जाते हैं।

अब दो नाम, जिस प्रकार मार्क एंटोनी जुलियस सीजर का करीबी व्यक्ति था, और विश्वसनीय भी था। वह जुलियस सीजर की हत्या होने तक सीजर के ही पक्ष में रहा। वही ब्रूटस जो एक सैद्धांतिक व्यक्ति है, और वह काफी जवान लड़का है। जो गणतंत्र का पक्षधर है। और उसी अनुमान में है, कि जुलियस सीजर गणतंत्र को समाप्त कर देगा। और अपने आप को तानाशाह घोषित करेगा। इसलिए वह पोम्पी मेग्नेस की गणतंत्र की रक्षक सेना का अंग बनता है। वह स्वयं भी राज परिवार से है।

सोमवार, 26 सितंबर 2022

जुलियस सीजर | रोमन साम्राज्य | प्रकरण- 1

जुलियस सीजर- रोमन साम्राज्य



दो नाम आप बिल्कुल कंठस्थ कर लें जुलियस सीजर और ऑक्टेविन। एक जो जिससे हम आरंभ करेंगे और दूसरा जिस तक हम पहुंचेंगे। जुलियस सीजर एक गंभीर स्वभाव का आदमी है। बड़ी सैनिक नेतृत्व की क्षमता रखने वाला और अपनी सैनिक कुशलता के कारण ही सैनिकों का उस पर विश्वास भी अटूट है। वहां रोम में उसका मित्र पोम्पी मैग्नेस, जुलियस सीजर की ही तरह खूब लोकप्रिय और रोम सीनेट में ऊंचा स्थान रखता है। सीनेट का तात्पर्य संसद से है। वह एक गणराज्य था, रोमन गणराज्य।

 यह वह समय था, कि रोम यूरोप के तमाम इलाकों को जीतता जा रहा था। वहीं कुछ अफ्रीका के भागों पर भी वह अपना वर्चस्व हासिल करने में सफल रहा। किंतु वह स्वयं रोम पर शासन न कर सका। वहां बड़ी अव्यवस्था और राजनीतिक अस्थिरता ने जन्म लिया। ऑक्टेविन वह है जो यह सब देख रहा है और समझ रहा है।

जुलियस सीजर और पोम्पी मैग्नेस जो साथ थे तो गणतंत्र में स्थिरता थी, किंतु यह भी था, कि संसद की प्रक्रिया जिसे पोम्पी मैग्नेस संभाल रहा था। उसी समय सैनिक कार्यवाही कर यूरोप के बड़े भाग पर विजय का पताका लहराने जुलियस सीजर के नेतृत्व में सेना लड़ रही थी। शक्ति का यही विभाजन जुलियस सीजर और पोम्पी मैग्नेस के मध्य बड़ी दूरी ला देता है। क्योंकि सेना जिस पर जुलियस सीजर अपना पूरा नियंत्रण रखे है, वहीं सीनेट अथवा संसद के तमाम प्रतिनिधियों में अधिक प्रभावशाली और अधिक प्रतिनिधियों का पोम्पी मैग्नेस को समर्थन था। हालांकि सीनेट के तमाम प्रतिनिधि सीधे रुप में जूलियस सीजर का विरोध नहीं करते, क्योंकि वह जुलियस सीजर का सामर्थ्य समझते हैं। वही पोम्पी मैग्नेस भी जब तक कि सीजर रोम से बाहर युद्ध क्षेत्र में था, लंबे समय तक सीनेट के प्रतिनिधियों का अथवा अप्रत्यक्ष ढंग से जनता का विश्वास सीजर पर बनाए रखने का प्रयास करता है। क्योंकि वह सीजर का गहरा मित्र है। लेकिन फिर भी सीजर और पोम्पी मैग्नेस के मध्य खाई बनती गई। जिन वर्षों में सीजर यूरोप के तमाम इलाकों पर विजय पा रहा था, वह सेना का नेतृत्व कर रहा था। तब रोम में शांति व्यवस्था पोम्पी मैग्नेस ही बनाए रखा था। लेकिन दो अलग-अलग कार्यो ने इन दो समान रूप से लोकप्रिय व्यक्तियों की समृद्धि और शक्तियों में अंतर पैदा कर दिया। और यहीं से रोम में राजनीतिक अस्थिरता का बीज पड़ गया।

दरअसल पोम्पी मैग्नस है भी एक बूढा व्यक्ति। वहीं जुलियस सीजर की उम्र अपेक्षाकृत कम है, बहुत अधिक जवान तो नहीं, किंतु बूढ़ा भी नहीं कहा जा सकता, लेकिन 50 के करीब ही होगा। रोम की राजनीतिक अस्थिरता, ओक्टेविन का मार्ग प्रशस्त होना, शानदार और रोचक सफर है।  यह राजनीति के वे पृष्ठ हैं, जिनमें लिखी बातों को, हर घटना को पढ़ने के साथ समझते जाना होगा, जैसे एक गाय घास चरने के बाद पाचन के लिए जुगाली करती रहती है।।

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नमस्कार साथियों मेरा नाम दिवाकर गोदियाल है। यहां हर आर्टिकल या तो सामाजिक सरोकारों से जुड़ा है, या जीवन के निजी अनुभव से, शिक्षा, साहित्य, जन जागरण, व्यंग्य इत्यादि से संबंधित लेख इस ब्लॉग पर आप प्राप्त करेंगे 🙏