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जुलियस सीजर- रोमन साम्राज्य |
दो नाम आप बिल्कुल कंठस्थ कर लें जुलियस सीजर और ऑक्टेविन। एक जो जिससे हम आरंभ करेंगे और दूसरा जिस तक हम पहुंचेंगे। जुलियस सीजर एक गंभीर स्वभाव का आदमी है। बड़ी सैनिक नेतृत्व की क्षमता रखने वाला और अपनी सैनिक कुशलता के कारण ही सैनिकों का उस पर विश्वास भी अटूट है। वहां रोम में उसका मित्र पोम्पी मैग्नेस, जुलियस सीजर की ही तरह खूब लोकप्रिय और रोम सीनेट में ऊंचा स्थान रखता है। सीनेट का तात्पर्य संसद से है। वह एक गणराज्य था, रोमन गणराज्य।
यह वह समय था, कि रोम यूरोप के तमाम इलाकों को जीतता जा रहा था। वहीं कुछ अफ्रीका के भागों पर भी वह अपना वर्चस्व हासिल करने में सफल रहा। किंतु वह स्वयं रोम पर शासन न कर सका। वहां बड़ी अव्यवस्था और राजनीतिक अस्थिरता ने जन्म लिया। ऑक्टेविन वह है जो यह सब देख रहा है और समझ रहा है।
जुलियस सीजर और पोम्पी मैग्नेस जो साथ थे तो गणतंत्र में स्थिरता थी, किंतु यह भी था, कि संसद की प्रक्रिया जिसे पोम्पी मैग्नेस संभाल रहा था। उसी समय सैनिक कार्यवाही कर यूरोप के बड़े भाग पर विजय का पताका लहराने जुलियस सीजर के नेतृत्व में सेना लड़ रही थी। शक्ति का यही विभाजन जुलियस सीजर और पोम्पी मैग्नेस के मध्य बड़ी दूरी ला देता है। क्योंकि सेना जिस पर जुलियस सीजर अपना पूरा नियंत्रण रखे है, वहीं सीनेट अथवा संसद के तमाम प्रतिनिधियों में अधिक प्रभावशाली और अधिक प्रतिनिधियों का पोम्पी मैग्नेस को समर्थन था। हालांकि सीनेट के तमाम प्रतिनिधि सीधे रुप में जूलियस सीजर का विरोध नहीं करते, क्योंकि वह जुलियस सीजर का सामर्थ्य समझते हैं। वही पोम्पी मैग्नेस भी जब तक कि सीजर रोम से बाहर युद्ध क्षेत्र में था, लंबे समय तक सीनेट के प्रतिनिधियों का अथवा अप्रत्यक्ष ढंग से जनता का विश्वास सीजर पर बनाए रखने का प्रयास करता है। क्योंकि वह सीजर का गहरा मित्र है। लेकिन फिर भी सीजर और पोम्पी मैग्नेस के मध्य खाई बनती गई। जिन वर्षों में सीजर यूरोप के तमाम इलाकों पर विजय पा रहा था, वह सेना का नेतृत्व कर रहा था। तब रोम में शांति व्यवस्था पोम्पी मैग्नेस ही बनाए रखा था। लेकिन दो अलग-अलग कार्यो ने इन दो समान रूप से लोकप्रिय व्यक्तियों की समृद्धि और शक्तियों में अंतर पैदा कर दिया। और यहीं से रोम में राजनीतिक अस्थिरता का बीज पड़ गया।
दरअसल पोम्पी मैग्नस है भी एक बूढा व्यक्ति। वहीं जुलियस सीजर की उम्र अपेक्षाकृत कम है, बहुत अधिक जवान तो नहीं, किंतु बूढ़ा भी नहीं कहा जा सकता, लेकिन 50 के करीब ही होगा। रोम की राजनीतिक अस्थिरता, ओक्टेविन का मार्ग प्रशस्त होना, शानदार और रोचक सफर है। यह राजनीति के वे पृष्ठ हैं, जिनमें लिखी बातों को, हर घटना को पढ़ने के साथ समझते जाना होगा, जैसे एक गाय घास चरने के बाद पाचन के लिए जुगाली करती रहती है।।
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