
खबरों में खास-
सीबीएसई ने इतिहास और राजनीतिक विज्ञान के अपने पाठ्यक्रम से कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं के छात्रों के लिए कुछ बदलाव किए हैं। गुटनिरपेक्ष आंदोलन, शीत युद्ध पर अध्याय, मुगल दरबारों के इतिहास व औद्योगिक क्रांति से संबंधित अध्याय हटाए गए हैं। इसी तरह कक्षा दसवीं के पाठ्यक्रम में भी कुछ बदलाव किया गया है। इसका तर्क दिया गया कि परिवर्तन पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाए जाने का हिस्सा है। और एनसीईआरटी के द्वारा दिए सिफारिशों के अधीन है, दसवीं के पाठ्यक्रम से खाद्य सुरक्षा से संबंधित अध्याय कृषि पर वैश्वीकरण का प्रभाव से हटाया गया है। इसके अतिरिक्त भी कुछ बदलावों को लाया गया है।
देश विदेश-
● भारत और अमेरिका के संबंधों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने कहा, कि यूक्रेन युद्ध के बाद वे दोनों देशों के संबंधों में अवसरों के और खिड़कियां खुलते हुए देख रही हैं। सीतारमण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों में हिस्सा लेने के लिए वाशिंगटन गई थी।
● वहीं सीनियर एशियाई कुश्ती प्रतियोगिता में भारतीय पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता रवी दहिया ने स्वर्ण पदक हासिल किया है। जबकि पहलवान बजरंग और गौरव बलियान को रजत पदक प्राप्त हुआ है।
● जहां रूस ने यूक्रेन पर अपने ध्येय की प्राप्ति के लिए शक्ति का लगातार प्रदर्शन जारी रखा है। उस पर विश्व के राजनीतिक मंच लगभग इस विषय पर सीधा सामना करने को तैयार नहीं, ऐसा प्रतीत होता है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री का यह कहना कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बातचीत करने का मतलब मगरमच्छ से बात करना है। एक तरफ उनका यह तर्क और वही अगली और वे भारत से युद्ध के रुके जाने की किसी भी किस्म की पहल को स्वागतमय बताते हैं। किंतु वह पहल कौन करे और कैसे? यह सवाल बना हुआ है। उधर यूक्रेन कि स्थितियों में खबर है की कीव में 1084 शब मिले हैं। जिनमें अधिकतर मशीन गन से मारे गए हैं।
● इन्हीं स्थितियों में एक बार फिर इजराइल से खबर जहां पिछले सप्ताह जुम्मे के दिन हुई घटना को वर्ष 2021 में पवित्र रमजान के महीने इजराइली सैनिकों द्वारा अल अक्सा मस्जिद में व आसपास के इलाकों में हुई कार्यवाही जैसा ही देखा जा सकता है। अल अक्सा मस्जिद को मक्का और मदीना के बाद मुस्लिम समुदाय तीसरा पवित्र स्थान मानता है। इन हमलों पर ईरानी राष्ट्रपति अब्राहिम रैसी ने इजरायल को गंभीर परिणाम भुगतने की हिदायत दी है। वही उग्र पंथी संगठन हमास ने भी नाकेबंदी मजबूत कर इजराइल पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। यह अशांति की स्थितियां पैदा कर सकता है।।
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