Skip to main content

यूरोपियों की भारत खोज और पुर्तगाली अभियान -1

यूरोपियों को भारत के लिए किसी वैक्लपिक राह की तलाश थी। वे प्रयास कर रहे थे। पूर्व तक भारत से यूरोप तक के लिए स्थल और समुद्र दोनों मार्ग थे। किंतु मध्यकालीन इतिहास में हम जानते हैं, कि कैसे पूर्वी रोमन साम्राज्य के साथ ही व्यापार में एशिया और यूरोप के समीकरण भी बदल जाते हैं। 

अब तक भारत से यूरोप का स्थल मार्ग अफगान से ईरान, इराक और तुर्की से होता हुआ यूरोप के देशों में जाता था। तुर्की जहां समाप्त होता और यूरोप से जुड़ता है, यहां पर काला सागर और मरमरा सागर को एक जलसंधि बासपोरस जोड़ती है। इस जलसंधी से यूरोप आरंभ हो जाता है। जहां कुस्तुनतुनिया आधुनिक नाम इस्तांबुल से यूरोप आरंभ होता है। जबकि यह तुर्की का ही शहर है। जब यह पूर्वी रोमन साम्राज्य का भाग था, इसका नाम कैंन्सटैनटिनोपल था। यही पूर्वी रोमन साम्राज्य की राजधानी थी। 

तुर्की में उभरे उस्मानिया साम्राज्य ने 1453 में पूर्वी रोमन साम्राज्य का अंत कर दिया। और कुस्तुनतुनिया पर उनका अधिकार हो गया। अरब के लोग इसे कुस्तुनतुनिया नाम से कहते थे। उस्मानिया साम्राज्य के नियंत्रण से अब इस मार्ग से यूरोप जाने वाले माल पर कर अधिक लगाया गया। इसके चलते यूरोप में माल महंगा हो गया, व्यापार ठप हो गया। माल को यूरोप ले जाने का विकल्प समुद्री रास्ता जो अरब सागर से होकर फारस की खाड़ी और वहां से भूमध्य सागर से लगे देशों को जाता था। या अरब सागर से होते हुए लाल सागर के रास्ते भी जाया जाता था। लेकिन यहां अरब का पूरा नियंत्रण था। और उनकी मनमानी थी। अब यूरोप राह की तलाश में था। वह भारत तक पहुंचना चाहता था।

  स्पेन से जहाजी बेड़ा कोलंबस के नेतृत्व में 1492 में दिशा भटक कर अमेरिका जा पहुंचा। प्रिंस हेनरी जो पुर्तगाल का था, जिसे द नेविगेटर भी कहा जाता है। उसने पुर्तगाली साहसी नाविकों को खूब प्रोत्साहन दिया। उसने कई जहाजी अभियान दक्षिण अफ्रीका के पश्चिमी तट से होते हुए भेजे। इस तरह उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के पश्चिमी तट का एक मैप तैयार कर लिया। 1487 में पहली बार एक पुर्तगाली साहसी व्यक्ति बार्थोलोम्य डियाज जहाज का नेतृत्व करता हुआ सबसे दूर अफ्रीका के दक्षिण छोर पर जा पहुंचा। जिसे आशा अंतरीप या केप ऑफ गुड होप कहा जाता है। हालांकि बार्थोलोम्यो डियाज ने इस स्थान को केप ऑफ स्टोर्मस कहा था। 1488 में वह वापस लिस्बन लौट गया। लेकिन यात्रा अब तक अधूरी थी। जब तक कि ऐशिया नहीं पहुंच लिया जाता।

  इसके लिए पुर्तगाली शासन इमैनुअल प्रथम द्वारा एक और जहाजी बेड़े को वास्कोडिगामा के नेतृत्व में अभियान पर भेजा गया। बार्थोलोम्यो डियाज के ठीक दस वर्ष बाद 1497 में निकला वास्कोडिगामा केप ऑफ गुड होप तक पहुंच जाता है। क्योंकि पुर्तगालियों को अब तक यूरोपीय किसी अन्य देश की अपेक्षा अफ्रीका के पश्चिम तट से सटे सागर का अधिक ज्ञान हो गया था।

वास्कोडिगामा के जहाजी बेड़े को केप ऑफ गुड होप से एक व्यक्ति व्यापारी जिसका नाम अब्दुल मनीक था, मिलता है। यह अरब के लोगों के साथ मिलकर भारत से व्यापार करता रहा होगा। इसे इतना जरुर पता था, कि इस दिशा में अरब सागर को निकलेंगे तो जरूर भारत पहुंचेंगे। 1498 में वास्को डी गामा अपने जहाज के साथ मालाबार तट 【 केरल के तट को मालाबार तट कहते हैं 】 के कलीकट नामक स्थान पर पहुंचता है। जिस का वर्तमान नाम कोझीकोड है।।

इसके बाद की घटनाएं अगले खंड पुर्तगालियो का भारत आगमन | खंड 2 में…

Comments

Popular posts from this blog

प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा और अब सवाल महेंद्र भट्ट से

श्री प्रेमचंद अग्रवाल को एक अदूरदृष्ट नेता के तौर पर याद किया जाएगा। जिन्होंने अपनी कही बात पर इस्तीफा दिया मंत्री पद को त्याग और इससे यह साबित होता है, कि आपने गलती की है। अन्यथा आप अपनी बात से, अपनी सत्यता से जनमानस को विश्वास में लेते, पार्टी को विश्वास में लेते और चुनाव लड़ते। आपके इस्तीफे ने आपकी गलती को साबित कर दिया। उन्होंने राज्य आंदोलन के दौरान अपनी भूमिका को स्पष्ट किया, अपना योगदान बताया और आखिरी तौर से वे भावनाओं से भरे हुए थे, उनके आंसू भी देखे गए। इसी पर उन्होंने अपने इस्तीफा की बात रख दी वह प्रेस वार्ता हम सबके सामने हैं।  यहां से बहुत कुछ बातें समझने को मिलती है, राजनीति में बैक फुट नहीं होता है, राजनीति में सिर्फ फॉरवर्ड होता है। यह बात उस समय सोचने की आवश्यकता थी, जब इस तरह का बयान दिया गया था, जिसने इतना बड़ा विवाद पैदा किया। यह नेताओं की दूर दृष्टि का सवाल है, उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि उनके द्वारा कही बात का प्रभाव कितना व्यापक हो सकता है। राजनीति में आपके द्वारा कही बात पर आप आगे माफी लेकर वापसी कर पाएंगे ऐसा संभव नहीं है, क्योंकि उसका प्रभाव कभी-कभी इतना ...

राठ क्षेत्र से मुख्यमंत्री आवास तक का सफर | कलाकारों का संरक्षण राज्य का कर्तव्य

  एक होली की टीम ने पहल की वे देहरादून जाएंगे अपने लोगों के पास और इस बार एक नई शुरुआत करेंगे। कुछ नए गीत उनके गीतों में खुद का भाव वही लय और पूरे खुदेड़ गीत बन गए। खूब मेहनत भी की और इस पहल को करने का साहस भी किया। देहरादून घाटी पहुंचे और पर्वतीय अंचलों में थाली बजाकर जो हम होली मनाया करते थे, उसे विशुद्ध कलाकारी का स्वरूप दिया। हालांकि आज से पहले बहुत से शानदार टोलियों ने होली बहुत सुंदर मनाई है।। बदलते समय के साथ संस्कृति के तमाम इन अंशो का बदला स्वरूप सामने आना जरूरी है, उसे बेहतर होते जाना भी जरूरी है। और यह तभी हो सकता है, जब वह प्रतिस्पर्धी स्वरूप में आए अर्थात एक दूसरे को देखकर अच्छा करने की इच्छा। इस सब में सबसे महत्वपूर्ण है, संस्कृति के इन छोटे-छोटे कार्यक्रमों का अर्थव्यवस्था से जुड़ना अर्थात इन कार्यक्रमों से आर्थिक लाभ होना, यदि यह हो पा रहा है, तो सब कुछ उन्नत होता चला जाएगा संस्कृति भी। उदाहरण के लिए पहाड़ों में खेत इसलिए छूट गए क्योंकि शहरों में नौकरी सरल हो गई और किफायती भी। कुल मिलाकर यदि पहाड़ों में खेती की अर्थव्यवस्था मजबूत होती तो पहाड़ की खेती कभी बंजर ना हो...

केजरीवाल की हार से राहुल गांधी की जीत हुई है।

दिल्ली चुनाव के परिणामों ने कांग्रेस की भविष्य को लेकर स्थिति को साफ कर दिया है। कांग्रेस ने देश भर में गठबंधन के नेताओं को और पार्टियों को एक संदेश दिया है। यदि गठबंधन के मूल्यों को और शर्तों को चुनौती दोगे, तो कांग्रेस भी इसमें केंद्र बिंदु में रहकर अपनी जमीन को सौंपती नहीं रहेगी। बल्कि दमदार अंदाज में चुनाव लड़कर दिल्ली की तरह ही अन्य जगहों पर भी चुनाव लड़ेगी। आम आदमी पार्टी की हार हो जाने से राहुल गांधी जी का गठबंधन में स्तर पुनर्स्थापित हुआ है। कारण यही है कि अब तक अरविंद केजरीवाल जी दिल्ली में सरकार बनाकर एक ऐसे नेता बने हुए थे, जो मोदी जी के सामने अपराजिता हैं। जिन्हें हराया नहीं गया है, विशेष कर मोदी जी के सामने। वह एक विजेता नेता की छवि के तौर पर गठबंधन के उन तमाम नेताओं में शीर्ष पर थे। अब विषय यह था, कि राहुल गांधी जी की एक हारमान नेता की छवि के तौर पर जो स्थिति गठबंधन में थी, वह केजरीवाल जी के होने से गठबंधन के अन्य नेताओं में शीर्ष होने की स्वीकार्यता हासिल नहीं कर पा रही थी। राहुल गांधी जी को गठबंधन के शीर्ष नेता के तौर पर जो स्वीकार्यता मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिल पा रही...