Skip to main content

Posts

Showing posts from October, 2025

रोहित का शानदार शतक एवं कोहली की वापसी | IND vs Australia

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही वनडे सीरीज में आज हुए तीसरे मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 9 विकेट से मात दी। ऑस्ट्रेलिया दो मैचो में विजेता रही। इस तरह से सीरीज तो ऑस्ट्रेलिया के नाम हो गया लेकिन यह तीसरा मैच भारतीय क्रिकेट टीम के प्रशंसकों के लिए एक यादगार मैच बन गया, और केवल इसलिए नहीं की विराट कोहली ने अपने पिछले दो मैचो में लगातार शून्य पर आउट होने के बाद आज शानदार अर्थशतक लगाया। बल्कि इसलिए भी की आखिरी बॉल तक मैदान में टिके रहे रोहित शर्मा जिन्होंने शतकीय पारी से भारत को विजय दिलाई। और इसी तरह रोहित शर्मा और विराट कोहली के साझेदारी कुछ रिकॉर्ड्स भी लेकर आई जहां रोहित शर्मा ने अपना 33 वां शतक पूरा किया वहीं रनों की रेस में विराट कोहली ने संगकारा को पीछे छोड़ दिया। अब वे द ग्रेट सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे स्थान पर है। शून्य पर आउट होने के कारण विराट कोहली के आत्मविश्वास को लेकर सवाल था। ऑस्ट्रेलिया की अच्छी गेंदबाजी ने पिछले दो माचो में उन्हें शून्य पर आउट किया। लेकिन आज और उन दोनों मैचों में भी प्रशंसकों ने उन्हें इसी गर्मजोशी से मैदान पर स्वागत किया। अपनी पहली गेंद खेल रहे विरा...

तालिबान प्रतिनिधिमंडल का भारत दौरा: क्या हैं मायने?

तालिबान प्रतिनिधिमंडल का भारत दौरा: क्या हैं मायने? हाल ही में, तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली का दौरा किया, जिसने कूटनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। यह मुलाक़ात अफ़गानिस्तान में बदलते राजनीतिक परिदृश्य और भारत की क्षेत्रीय रणनीति के लिहाज़ से काफ़ी महत्वपूर्ण है। दौरे का मुख्य उद्देश्य इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत के साथ संबंधों को सामान्य बनाना और मानवीय सहायता पर चर्चा करना था। तालिबान चाहता है कि भारत अफ़गान लोगों को दी जाने वाली सहायता जारी रखे, खासकर गेहूँ और दवाओं की आपूर्ति। भारत, जो ऐतिहासिक रूप से अफ़गानिस्तान का एक बड़ा भागीदार रहा है, ने अभी तक तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन मानवीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बातचीत जारी रखी है। भारत की प्राथमिकताएँ भारत के लिए, इस बातचीत की सबसे बड़ी प्राथमिकताएँ निम्नलिखित हैं: सुरक्षा चिंताएँ:  भारत अपनी सुरक्षा को लेकर स्पष्ट है कि अफ़गान धरती का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए। मानवीय सहायता: भारत यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उसकी सहायता सही ज़रूरतमंद लोगों तक पहुँचे। क्षेत्रीय ...

सेनारी नरसंहार | 18 मार्च 1999 बिहार के जातीय संघर्ष का काल पृष्ठ

सेनारी नरसंहार बिहार; 1 8 मार्च 1999 का दिन था। बिहार का एक छोटा सा गांव सेनारी जहां इस दिन ऐसी घटना हुई जिसने सारे देश को चकित कर दिया यूं कहें कि झकझोर कर रख दिया। बिहार में जातीय नरसंहार जातीय हिंसा का एक ऐसा सत्य इस गांव में देखा गया जिसे बिहार के इतिहास के एक और पृष्ठ को काला कर दिया यह घटना है सेनारी का नरसंहार।  सेनारी गांव में मार्च माह की 18 तारीख को सामान्य दिनों की तरह लोग अपने कामकाज पर थे। धीरे-धीरे शाम ढलने लगी और जब रात के लगभग 7:30 बज रहे थे, गांव से कुछ दूर पगडंडी पर एक धूल का गुब्बार उठने लगा। गांव के लोगों को लगा कि यहां शायद पुलिस कोई अभियान पर है दरअसल 500 के करीब लोगों की भीड़ पगडंडी पर चल रही थी इनमें बहुत से लोगों ने पुलिस के कपड़े पहने थे और बहुत से लोग लूंगी और बनियान में थे लेकिन सभी हथियारबंद थे अभी तक गांव के लोगों को यह नहीं मालूम था कि आने वाले दो-चार घंटे में सेनारी गांव बिहार के इतिहास का एक भयानक हिस्सा बनने वाला है। उस भीड़ में कुछ लोग गांव के समीप की एक चौकी की तरफ बढ़ गए बाकी बचे हुए लोग गांव की तरफ आ गए गांव में एक धमाका हुआ गांव के लोगों ने अ...