गुरुवार, 30 सितंबर 2021

अफगान घटनाक्रम 30 सितंबर 2021 तक | Afganistan news

अफगानिस्तान घटनाक्रम / तालिबान के फरमान /  पाकिस्तान के बयान-

अफगान घटनाक्रम

अफगानिस्तान में महिलाएं-

तालिबान विश्व स्तर पर अपना अस्तित्व तलाश रहा है। वह मान्यता के लिए और दुनिया में अफगान को प्रस्तुत करने के लिए बेचैन है। किंतु अफगान समाचारों में मानव अधिकार के हनन की खबरें जारी हैं। महिलाओं पर दमन चक्र और अत्याचार पर आवाजें उठ रही हैं। महिलाओं के शिक्षा पर प्रतिबंध का इंतजाम किया जा रहा है। महिलाओं की राजनीति में प्रवेश वर्जित है। इन सब ने दुनिया भर से अफगानी हितों में आवाज उठ रही है। एमनेस्टी इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर ह्यूमन राइट्स तथा वर्ल्ड ऑर्गेनाइजेशन अगेंस्ट टॉर्चर ने अफगानिस्तान में तालिबानियों के द्वारा मानव अधिकार के लिए काम करने वाले या स्वर ऊंचा करने वालों को घर-घर जाकर दमन करने पर चिंता जाहिर की है।
वहीं अफगान में तालिबान सरकार की महिलाओं पर अत्याचार के विरोध में विभिन्न राष्ट्रों की महिलाओं ने न्यूयॉर्क यूएन मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में महिलाओं ने इस विरोध में उपस्थिति दर्ज की।

पाकिस्तान के बयान-

आजकल अफगानिस्तान को लेकर पाकिस्तान खबरों में बना हुआ है। तालिबान की मान्यता पर पाकिस्तान लगातार अपना बयान दे रहा है। वह वैश्विक स्तर पर अफगान की पैरवी करता है। पाकिस्तान विदेश मंत्री महमूद कुरैशी का बयान है, कि तालिबान अफगान में हकीकत है। हमें उसे स्वीकारना होगा। वही अफगान का हित है। तालिबान के नेताओं से आमने-सामने बैठकर वार्ता की जानी चाहिए। आफगान में तालिबान के अलावा अब कोई भी विकल्प नहीं है। उन्होंने साथ यह भी कहा यदि अफगान दुनिया की जरूरतों को पूरा करेगा, तो निश्चित ही उसे स्वीकार्यता प्राप्त होगी। कुरैशी ने कहा अफगान में तालिबानी सरकार के चलते वह जमीन आतंकी घटनाओं का केंद्र न बन सकें, इसके लिए पाकिस्तान दुनिया के साथ है। किंतु वैश्विक राष्ट्रों को अफगान में तालिबान सरकार की मान्यता पर ठीक कदम उठाना होगा।
पाकिस्तान के आतंक के खिलाफ विश्व के साथ होने के इन सभी तर्कों के बीच हाल ही में एक आतंकी को भारत ने सीमा से घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर हिरासत में लिया है। घुसपैठी स्वयं को पाकिस्तानी बता रहा है। सेना के कैंप में उसकी ट्रेनिंग हुई है। उसने स्पष्ट शब्दों में भारतीय सेना को बतायाहै। पाकिस्तान के बयानों में और कृतियों में कितना अंतर है, यह स्पष्ट हो जाता है।
पूर्व पाकिस्तानी राजनयिक हुसैन हक्कानी के मुताबिक पाकिस्तान सदस्य धर्मनिरपेक्ष लोगों को देशद्रोह और विश्वासघाती के तौर पर देखता रहा है।
अतः पाकिस्तान की नीति में धर्मनिरपेक्षता का कोई स्थान नहीं है, धार्मिक कट्टरता का प्रयोग उसकी नीति है।

अफगान आर्थिक दशा-

अफगान आर्थिक संकट के चरम दौर से गुजर रहा है। बेरोजगारी अकाल और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध अफगान में आर्थिक दशा को लेकर तालिबानी सरकार की सबसे बड़ी चिंता बना हुआ है। दरअसल अफगान में तालिबानी डर से केंद्रीय बैंकों के प्रमुख और अन्य अधिकारी तो पहले ही देश छोड़ चुके हैं। अब अहम फैसले कैसे और कौन लेगा एक और समस्या है। तालिबान सरकार के प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनफी ने केंद्रीय बैंकों के अधिकारियों से बैठक में कहा कि बैंकिंग की व्यवस्था को उसकी समस्या को एक संबंधित कानून से हल किया जाना सुनिश्चित है।
विश्व बैंक की माने तो अफगान में आर्थिक पिछड़ापन को एंडेमिक बताया है। जिसका तात्पर्य कभी न खत्म होने वाला है। अफगान में विश्व बैंक के मुताबिक 90 फ़ीसदी आवाम $2 प्रतिदिन में गुजारा करने को मजबूर है। आपको बताएं कि 4.2 अरब डालर की मदद विश्वभर से अफगानिस्तान को 2019 में प्राप्त हुई थी। किंतु इस समय हालात कुछ इस प्रकार के हैं, कि यह मदद मिल पाना मुश्किल प्रतीत होता है।

अफगान से कुछ अन्य खबरें-

अफगान ने हाल ही में यूएन में उच्च स्तरीय आम चर्चा में भाग लेने के लिए एक नाम गुलाम एम इसकजाई को लेकर एक पत्र यूएन को दिया था। कि वे उनका प्रतिनिधित्व करेंगे, किंतु यूएन के एक शीर्ष अधिकारी ने इस बात पर जानकारी दी, कि अफगान और साथ ही म्यामार इस समय यूएन के इस सत्र की उच्च स्तरीय आम चर्चा की सूची में नहीं है।
वही अफगान में तालिबान सरकार का शरिया कानून से संबंधित फरमान पर जोर है। सैलून में धार्मिक गीत नहीं बजेंगे, या अन्य प्रकार के संगीत न बजें यह तय किया गया है। खबर हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्करगाह की है। जहां हज्जामों के प्रतिनिधियों से बैठक में यह फरमान जारी है, कि स्टाइलिश हेयरकट और दाढ़ी न बनाने के प्रतिबंध को माने और यह न करें।
शरिया कानून की कई फरमान जारी के साथ अब तालिबान अपने रंग में दिखे लगा है। महिलाओं का दमन, हाथ पैर काटने की सजा और अब दाढ़ी ना कटे का प्रतिबंध गौरतलब है।
इसी दरमियान अबू धाबी से खबर प्रेषित होती है, कि अफगान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी का फेसबुक खाते को हैक कर दिया गया है। उनका कहना है, कि उनके फेसबुक अकाउंट से तालिबान को मान्यता दी जाए, को लेकर एक पोस्ट किया गया है। जो उनका नहीं है।
साथ ही आपको यह भी जानना चाहिए, कि ट्विटर ने भी अफगान के मंत्रालयों के खातों से वेरीफाइड बैज ब्लूटिक को हटा दिया है। विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय राष्ट्रपति आवास के अकाउंट से ब्लू ब्याज हटा दिया गया है।

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नमस्कार साथियों मेरा नाम दिवाकर गोदियाल है। यहां हर आर्टिकल या तो सामाजिक सरोकारों से जुड़ा है, या जीवन के निजी अनुभव से, शिक्षा, साहित्य, जन जागरण, व्यंग्य इत्यादि से संबंधित लेख इस ब्लॉग पर आप प्राप्त करेंगे 🙏