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world pharmacist day in hindi | फार्मेसी क्या है फार्मेसी के जनक

 विश्व फार्मासिस्ट डे प्रत्येक वर्ष 25 सितंबर को मनाया जाना सुनिश्चित है। यह फार्मासिस्टों द्वारा अनेकों लोगों को उनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए किए प्रयत्नों को उजागर करने और उनके योगदान को बढ़ावा देने का दिवस है।

मनाने की शुरुआत-

2009 में तुर्की ( इंस्ताबुल ) से एक अंतरराष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल फेडरेशन (IFP) परिषद ने सर्वप्रथम इस दिन को यह महत्व देने की शुरुआत की थी। वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे की शुरुआत करने वाला तुर्की से अंतरराष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल फेडरेशन (IFP) का स्थापना वर्ष 1912 दिवस 25 सितंबर है। क्योंकि 25 सितंबर ही IFP का स्थापना दिनांक है, इसलिए भी तुर्की के IFP सदस्यों ने इस दिवस को ही आने वाले वर्षों में वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे के तौर पर मनाए जाने की मांग की।

इस वर्ष की थीम-

वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे मेहता उन फर्म स्टॉकिंग तमाम योगदान को देखते हुए हर साल एक नई थीम को इस दिवस पर निर्धारित किया जाता है 2020 में इस दिवस पर वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे की थीम “Transforming global health” रखी गई थी। इस वर्ष 2021 में इस दिवस पर वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे की थीम “Pharmacy: always trusted for your health” रखी गई है।

फार्मेसी क्या है-

फार्मेसी को मेडिकल की शिक्षा से संबंधित है। यदि आप इंटरमीडिएट की परीक्षा विषय भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान से करते हैं, तो यह आपके उच्च शिक्षा का एक ऑप्शन हो सकता है। भारत में फार्मेसी एक्ट 1948 के अधीन PCI को 4 मार्च 1948 को गठित किया गया था। क्योंकि फार्मेसी एक प्रोफेशनल कोर्स है। PCI ( फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ) भारत में फार्मेसी प्रोफेशन को सुचारू रखता है।
एक फार्मेसिस्ट जिसे आप केमिस्ट भी कह सकते हैं। जो दवाइयों को तैयार करने और साथ ही उन्हें वितरित करने की योग्यता रखता है। फार्मेसी मेडिकल में ज्ञान की यही शाखा है, जो फार्मेसिस्ट को तैयार करती है।
एक फार्मासिस्ट किसी औषधालय में तथा क्लीनिक में लोगों को सेवा देते हैं। एक अध्ययन की मानें तो 78% फार्मेसी टेक्निशियन फीमेल है। और फार्मेसिस्ट लोगों के स्वास्थ्य देखभाल में सर्वाधिक योग्य, कारगर और सुलभ हैं। आंकड़ा कहता है कि दुनिया में 4 मिलियन फार्मेसिस्ट लोगों को सेवा दे रहे हैं।

भारत में फार्मेसी का जनक-

महादेव लाल श्राफ को भारत में फार्मेसी के जनक का श्रेय प्राप्त है। उनका फार्मेसी के क्षेत्र में भारत में योगदान विशेष  है। उन्होंने अपने इंजीनियरिंग कोर्स की पढ़ाई हिंदू यूनिवर्सिटी ऑफ बनारस से हासिल की थी।

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