उत्तराखंड राजनीति चुनावी पहल | भाजपा के चुनावी कदम-
भाजपा के चुनावी कदम विपक्ष के बोल-
उत्तराखंड में 2022 के चुनाव को लेकर हर दिन पक्ष विपक्ष, राजनीतिक दल अपने आप को आम जनमानस में सबसे मजबूत समर्थ और योग्य जताने की कोशिश में कार्यक्रमों का आयोजन कर रहें हैं। आज उत्तराखंड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की पुण्यतिथि पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी का आगमन उत्तराखंड में भाजपा की जीत के लिए प्रयोग किए जाने वाले बड़े पेंचों में एक है। 2017 की भांति भाजपा ने अपनी केंद्र सरकार की उपलब्धियों से मुनाफा उत्तराखंड 2022 चुनाव में हासिल करना है, यह तो तय है। किन्तु दूसरी ओर विपक्ष राज्य में भाजपा के हर कदम पर उसे घेरने के पुख्ता इंतजाम किए हुए है। पीठसैंण में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी के दौरे से पूर्व ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल जी ने उनकी पुरानी घोषणा सैनिक स्कूल को लेकर कहा की उन्हें पीटसैंण की जनता से इस वादे को ना निभा पाने पर माफी मांगनी चाहिए, साथ ही उन्हें ऐसी घोषणा करनी चाहिए जिन्हें तीन माह में उत्तराखंड भाजपा सरकार पूरा कर सके। भाजपा के केंद्रीय नेताओं का उत्तराखंड दौरा आम जनमानस पर अधिक प्रभावी न हो सके इसके लिए कांग्रेस भरसक प्रयत्न में है।
यह प्रयत्न स्पष्ट तौर से कार्यक्रमों में उत्तराखंड में वर्तमान भाजपा सरकार को उसकी पूरी न की जा सके वादों को याद दिलाने में दिख रहा है।
मुख्यमंत्रियों का एक के बाद एक बदलते जाना, बदले गए मुख्यमंत्रियों के कार्यों और घोषणाओं पर सीधे तौर से सवाल खड़ा करता है। किंतु नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी की घोषणाएं और कार्य जनता में कितना विश्वास जगा पाते हैं, यह देखने का विषय है।
2017 में आई भाजपा सरकार ने अपने घोषणा पत्र में 100 दिन के भीतर भीतर उत्तराखंड को मजबूत लोकायुक्त मिलेगा की घोषणा की थी, जहां भाजपा सरकार लगभग 80% वादों को पूरा हुआ दर्शाती है, और जो शेष वादे जो रह गए हैं, उन्हें शेष समय में पूरा करने का विश्वास दिलाती है, वही लोकायुक्त को लेकर विपक्ष जनता में भाजपा की खामी दर्शाएगी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक जी का कहना है, कि उनकी सरकार साढे चार साल उत्तराखंड में भ्रष्टाचार मुक्त रही है, वे उत्तराखंड में भ्रष्टाचार मुक्त सरकार की संकल्पना पर वास्तविक शासन किए हैं। उनका कहना है, कि वे ऐसी सरकार चलाना चाहते हैं, कि उन्हें लोकायुक्त की आवश्यकता ही ना हो। आपको बता दें कि विधानसभा में यह बिल आया, पक्ष और विपक्ष दोनों धड़े एकमुस्त बिल के समर्थन में रहे, किंतु सत्तापक्ष की ओर से यह बिल प्रवर समिति के हाथों में सौंपा गया, और तब से यह अब तक समिति का ही होकर रह गया।
सरकार बनेगी तो यह होंगे कांग्रेस के पहले कदम-
वहीं कांग्रेस भी अपने भविष्य में उत्तराखंड में बनी सरकार को लेकर अपनी योजनाओं की घोषणा कर रही है। कांग्रेस गढ़वाल मीडिया प्रभारी गरिमा दसौनी का कहना है कि उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार बनने के पश्चात वह गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाएंगे, और देवस्थानम बोर्ड को रद्द करने का कदम उठाएंगे, पुरानी पेंशन बहाली को लेकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का काम करेंगे।
उत्तरकाशी में विधानसभा सीटें-
उत्तरकाशी में 3 विधानसभा सीटें हैं। पुरोला, यमुनोत्री और गंगोत्री इन 3 विधानसभा सीटों में वर्तमान में केवल एक सीट पर विधायक की मौजूदगी है। गंगोत्री के विधायक पांच माह पूर्व अकस्मात असमय मृत्यु हो गई, जिससे गंगोत्री की सीट रिक्त है। पुरोला की सीट के प्रतिनिधि विधायक राजकुमार जी का पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी का हाथ थामना और अब पुरोला सीट विधायक पद से इस्तीफा दे देना पुरोला सीट पर विधायक का पद रिक्त कर देता है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल जी ने इस्तीफा स्वीकार किया।
दरअसल इस्तीफा देने की वजह यह रही कि राजकुमार जी जिन्होंने 2017 में कांग्रेस स्वीकारी थी, अब बीजेपी में शामिल हो जाने पर कांग्रेस ने दल-बदल कानून के तहत कार्यवाही और अगले चुनाव को लेकर विधायक राजकुमार जी को अयोग्य घोषित करने की मांग की। इससे पूर्व की कोई कार्यवाही होती विधायक राजकुमार जी ने अपने पद से इस्तीफा सौंप दिया।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल जी का कहना है, की स्वेच्छा से विधायक का दिया इस्तीफा और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा स्वीकारे जाने के पश्चात दल-बदल कानून लागू नहीं होता। इस प्रकार से उत्तरकाशी की विधानसभा सीटें रिक्त हुई है।
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