8 नवंबर 1938 को इंदौर में जन्मे अरविंद त्रिवेदी की 90 के दशक के लोकप्रिय रामानंद सागर जी की रामायण के मशहूर कलाकारों में एक रहे। अरविंद त्रिवेदी जी ने रावण का किरदार निभाया। उनके पिताजी मूल रूप से गुजरात के थे। 300 से अधिक हिंदी गुजराती फिल्मों में अभिनय करने वाले अरविंद त्रिवेदी जी का निधन 83 वर्ष की उम्र में हो गया है। दुनिया भर में रामायण में रावण के किरदार के कारण उनको बेहद लोकप्रिय मिली। 90 के दशक में रामायण धारावाहिक की इतनी लोकप्रियता रही, कि 52 एपिसोड को एक्सटेंड कर 78 एपिसोड की शूटिंग की गई। रामायण धारावाहिक लगभग डेढ़ साल कि लंबे समय में तैयार हो सका। लगभग 55 देशों में रामायण धारावाहिक का टेलीकास्ट दुनिया भर में किया गया। जिससे 650 मिलियन से ज्यादा लोगों ने इसे देखा। इसी धारावाहिक का हिस्सा रावण के किरदार मैं अरविंद जी को लोगों ने बहुत सराहा। 1987 में जब रामायण दूरदर्शन पर प्रकाशित होने लगा, तो टीवी देखने वाले हर व्यक्ति में रामायण को देखने की अलग उत्सुकता थी। जो आस्था और विश्वास का जीवंत अभिनय था, यहां तक कि लोग धार्मिक आस्था के चलते टीवी की आरती उतारा करते थे। अरविंद जी ने एक इंटरव्यू में बताया, कि पहले तो जब वे शूटिंग के लिए जाते थे, तो ट्रेन में खड़े होकर यात्रा करनी पड़ती थी। किंतु बाद में लोग उन्हें पहचानने लगे, उनका अभिवादन होने लगा। रामायण में रावण के किरदार को विश्व भर से ढेर सारी लोकप्रियता मिली। 2020 के लॉकडाउन के दौरान धारावाहिक रामायण ने टीआरपी के मामले में 5 साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। रामायण के तकरीबन सभी एपिसोड गुजरात के पास उमरगांव में फिल्माए गए थे। अरविंद जी ने ना केवल रामायण में बल्कि विक्रम और बेताल नाम के धारावाहिक में पहले ही दर्शकों का बेहद प्रेम हासिल किया था।
अरविंद त्रिवेदी जी की गहरी धार्मिक आस्था-
अरविंद त्रिवेदी जी एक इंटरव्यू में कहते हैं, कि रावण का रोल उन्हें भगवान श्री राम की कृपा से प्राप्त हुआ है। असल जीवन में अरविंद जी बेहद सरल स्वभाव के रहे। उनका कहना है, कि वे असल जिंदगी में भी शिवभक्त रहे, और रावण भी शिव का भक्त था। रामायण की शूटिंग के दौरान अरविंद जी अपनी दैनिक दिनचर्या में पूजा पाठ के दौरान हाथ जोड़कर माफी मांगते थे, कि मैं रावण का किरदार करूंगा, हे ईश्वर मेरे मुंह से कुछ अपशब्द निकलेगा, मुझे उसके लिए माफ करना, मैं मात्र उस किरदार को निभा रहा हूं, असल तो मैं आपका भक्त हूं। अरविंद त्रिवेदी जी भगवान भोलेनाथ के बड़े भक्त रहे, उन्हें मंचों पर शिव तांडव का वाचन करते हुए देखा जा सकता है।
रामायण में किरदार कैसे मिला-
1987 में जब रामानंद सागर जी ने धारावाहिक रामायण बनाने का निर्णय किया, और यह बात अरविंद त्रिवेदी जी को मालूम हुई, साथ ही वह यह भी जाने कि रामायण में कई दिग्गज कलाकार काम करने वाले हैं। अरविंद जी रामायण में रोल पाने के लिए मुंबई की ओर बढ़ चले। बड़ी संख्या में लोग रामायण में किरदार पाने के लिए ऑडिशन दे रहे थे। अरविंद जी के मन में स्वयं के रावण जैसे शक्तिशाली किरदार या किसी अन्य पसंद के किरदार को निभाने को लेकर पहले से कोई मन इच्छा नहीं थी। या यूं कहें कि वह तो रामायण धारावाहिक में किसी भी किरदार को पाने के लिए ऑडिशन देने पहुंचे थे। वह केवट के लिए ऑडिशन दिए थे। जब उनका ऑडिशन हुआ उस समय तक श्री राम के किरदार के लिए अरुण गोविल जी का निर्णय हो चुका था, और रावण के किरदार को लेकर अरुण जी ने जिस नाम को आगे किया था, वह बॉलीवुड के मशहूर विलेन अमरीश पुरी जी थे। किंतु अमरीश पुरी जी ने इस रोल को मनाही कर दी। इसका कारण यह हो सकता है, क्योंकि उस समय अमरीश पुरी जी फिल्मी दुनिया में एक सफल विलन के रूप में पहचाने जाने लगे थे। वे धारावाहिक टीवी शो में नहीं बंधना चाहते थे। इसके बाद रावण को लेकर एक ऐसा कलाकार जो बुद्धिमान भी दिखता हो और शक्तिशाली भी की खोज जारी रही। जब अरविंद त्रिवेदी जी ने रामानंद सागर जी के सामने अपना ऑडिशन स्क्रिप्ट पढ़ी तो उन्हें लगा कि रामानंद जी को उनका ऑडिशन पसंद नहीं आया। किंतु रामानंद जी ने उन्हें रोककर कहा, कि तुम हमारी रामायण में रावण का रोल करोगे, और इस तरह अरविंद त्रिवेदी जी को उनके जीवन का एक सबसे मशहूर किरदार प्राप्त हुआ।
फिल्मी कैरियर-
300 से ज्यादा हिंदी गुजराती फिल्में अपने कैरियर में अरविंद त्रिवेदी जी ने दी। हिंदी फिल्मों में जैकी श्रॉफ, अनिल कपूर जैसे अनेक लोकप्रिय कलाकारों के साथ त्रिवेदी जी काम कर चुके हैं। शाहरुख खान की फिल्म त्रिमूर्ति में मुख्य विलेन के किरदार में अरविंद त्रिवेदी जी को देखा जा सकता है।
राजनीतिक जीवन-
अरविंद त्रिवेदी जी फिल्मी दुनिया में महान योगदान के साथ राजनीति के भी हिस्सा रहे। 1991 से 96 तक बीजेपी पार्टी से सांसद चुने गए। गुजरात में साबरकांडा क्षेत्र से इन्हें संसद के लिए चुना गया। अटल जी की सरकार के दौरान 2002 में अरविंद जी को सीबीएफसी अर्थात सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का चेयरमैन बनाया गया था।
कुछ मशहूर किस्से-
रावण के किरदार को या यूं कहें कि अरविंद त्रिवेदी जी को रावण के अभिनय के लिए तैयार होने में लगभग 5 घंटों का समय लगता था। 10 किलो का मुकुट हुआ करता था। और शरीर पर कई अन्य आभूषण हार हुआ करते। जब एक बार रावण हनुमान अंगद को फेंककर अपने से दूर फेंक देते हैं, तब जामवंत उन पर वार करते हैं। रामानंद सागर जी की रामायण में जामवंत के किरदार राजशेखर उपाध्याय जी बताते हैं, कि जब मैंने रावण का किरदार निभा रहे अरविंद त्रिवेदी जी पर वार किया, तो उनकी कमर पर इतनी जोर से लग गई, कि वह सचमुच मूर्छित हो गए।
ऐसे ही जब एक बार अरविंद त्रिवेदी जी कुछ आम घर के लिए रख गए, और शूटिंग में व्यस्त हो गए तो वानरों की सेना का किरदार निभा रहे कलाकारों ने आम की सारी पेटी खाली कर दी। इस बात पर अरविंद जी ने हंसकर कहा कोई बात नहीं।
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