ऐसा लगता है, कोई बोझ सर से उतर गया है। जैसे ही माॅन्टियल ने आखरी पेनेल्टी किक की और यह सफल रहा, और अर्जेंटीना जीत गया, और सबसे महत्वपूर्ण मेस्सी की जीत हुई। मैस्सी के कितने प्रेमियों के कारण मैं जो फुटबॉल के बारे में अब तक रोनाल्डो और मेस्सी के नाम के अलावा और कुछ नहीं जानता को भी उन्हें देखने को प्रेरित किया। फुटबॉल बतौर खेल में उतना कुछ भी नहीं जानता।
अब तक मैं खेल राष्ट्रवादी भावना से देख लेता था। जहां अपने देश की टीम खेल रही है। उसकी जीत हार में भावनाएं शामिल होती हैं। लेकिन फुटबॉल के इस खेल को देख खेल के जादुई प्रभाव की वह अनुभूति हुई। वास्तव में यदि केवल खेल के समर्थक होकर, उसके प्रेमी हो कर देखें तो कुछ खिलाड़ियों की जादुई प्रदर्शन के प्रभाव से बचा नहीं जा सकता है।
मैंने बहुत तो नहीं लेकिन अर्जेंटीना और फ्रांस के फाइनल में पहुंचने के बाद एक-दो आलेख अखबार में अवश्य पढ़े थे। उस में मुख्य तौर से अर्जेंटीना के मेस्सी और फ्रांस के एमबावे पर ही ध्यान केंद्रित किया गया था। और हुआ वही।
लेकिन अब आप गौर करें, कि एक व्यक्ति जो फुटबॉल की ज्यादा कुछ नियमों को भी नहीं जानता वह पूरा फाइनल मैच देखता है। तो वह उसमें क्या कुछ देख रहा है।
आपने गौर किया हो तो वहां एक बॉल ग्राउंड के बाहर गिर जाए तो वे दूसरी बाॅल खिलाड़ी को झट से दे देते हैं। और मैच नयी गेंद से ही आरंभ हो जाता है।
खिलाड़ी तो ठीक लेकिन रेफरी भी खिलाड़ी ही प्रतीत होते हैं। खिलाड़ियों जितना ही दौड़ते हैं। हां अपने अलग कपड़ों की वजह से वह पहचाने जा सकते हैं। आप देखेंगे कि यह जबरदस्त स्टेमिना का खेल है, इसलिए खिलाड़ियों को सब्सटिट्यूट करना कब किसे, कौन थक रहा है, यह भी इस खेल में रणनीति का अहम हिस्सा है। जिसमें फ्रेस लैग्स की बात की जाती है।
इसके अलावा गिरना भी एक तरह की रणनीति का हिस्सा है। इससे कभी-कभी तो अच्छा खासा लाभ प्राप्त हो जाता है। आज भी हमने ऐसा कई बार ऐसा देखा। बाहर बैंच पर बैठा कोई खिलाड़ी उसे भी येलो कार्ड मिल सकता है। एक खास बात वहां बाहर बैठे टीम के कोच इत्यादि अधिक उत्सुक रहते हैं, बहुत अधिक एग्रेसिव। कभी-कभी आप देखेंगे उन्हें सिक्योरिटी गार्ड संभाल रहे हैं, क्योंकि वह ग्राउंड में ही प्रवेश करने को तैयार है।
बाकी यह खेल जोरदार प्रेशर का खेल है। पेनल्टी का पहला गोल हो ही ताकि अगली टीम का विश्वास ना बढ़ सके, तो दोनों तरफ से इन मैचों में और टीमों की सबसे सफल खिलाड़ी एमबावे और मेस्सी ही पहले गोल के लिए आए।
जो मैंने पढ़ा था, फ्रांस का पलड़ा भारी था। लेकिन अर्जेंटीना ने मैच जीत लिया। मेस्सी का जादू चला, और उन्होंने अपने दुनिया भर के प्रेमियों को खुश होने का मौका दिया।
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