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अमोल पालेकर | फिल्म अपने पराये से

अमोल पालेकर


सादगी और केवल सादगी असल में अमोल पालेकर ने यही तो पेश किया है। अपनी लगभग हर फिल्म एक आदर्श गुणी पुरुष की भांति ही दिखे हैं। इन्हें नेक्स्ट डुअर पर्सन कहा गया। क्योंकि इनकी आवाज और अभिनय ने हर दूसरे व्यक्ति को अपने आप से मिलाया।

एक मृदंग को बजाते हुए अमोल जाने कब बड़े हो गए, यह वे खुद भी नहीं जान पाए। लेकिन वे इन सब बातों की सुध नहीं लेते। आज से 30 साल पहले एक अच्छे मध्यम वर्गीय परिवार में दो भाइयों के बाद उनका जन्म हुआ था, बहुत सुंदर मृदंग बजाते हैं अमोल। प्रातः होने के साथ उनकी ताल छिड़ जाती है। घर के सभी बच्चे दौड़कर चाचा की ओर बढ़ते हैं, और अमोल एक सुंदर भजन गाते हैं। उनकी भाभी पूजा करती हुई और साथ ही अमोल के भजन।

यूं तो अमोल का विवाह भी हो गया है, और वह एक खुशमिजाज और बेफिक्र व्यक्ति हैं। लेकिन यहां बेफिक्री उसकी पत्नी के लिए असहज है। हालांकि वह बहुत समझदार और शील स्त्री है, घर की लगभग सभी जिम्मेदारियां उसी के हाथों में हैं। लेकिन साथ ही वह एक स्वाभिमानी स्त्री है, और केवल इस बात से चिंतित है, कि उसका पति अमोल किसी काम को गंभीरता से नहीं लेता। यही है कि वह कुछ भी कमा कर घर नहीं लाता। इससे घर का खर्चा बड़े दो भाइयों की ही कमाई पर है। अमोल की पत्नी घर के खर्चे में योगदान न होने के चलते जिठानियों के साथ कई बार असहज महसूस करती है। कई बातें उसे चुभती हैं, और वह जो बेहद स्वाभिमानी है, यह भाव उसे चिंतित करता है।

लेकिन वह अमोल को कुछ बोल भी नहीं पाती। हां बार-बार समझाने का प्रयास करती है, अपना दुख व्यक्त करती है। लेकिन कभी क्रोध नहीं जताती, इसलिए क्योंकि अमोल एक कोमल हृदय व्यक्ति है। काम नहीं करता यह सबसे बड़ा दोस है अन्य तो उसमें कई ऐसे गुण हैं जो बेहद दुर्लभ हैं। उसका सादा व्यक्तित्व और उसी से सधी आवाज सीधे मन में प्रवेश कर जाती है। वह एक सरल पुरुष है, बस वह किसी काम को कमाई का जरिया बना ले तो उसकी पत्नी हर प्रकार से अपने आप को सहज महसूस करे।।

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