
नरेंद्र मोदी युग को भारत में भारतीय जनता पार्टी का स्वर्णिम युग कहा जा सकता है। इनमें जो खास बातें हैं, इनका प्रभाव भारतीय जनता पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ता पर भी है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संगठित और सशक्त बनी रही है। नेतृत्व की यह क्षमता ही नरेंद्र मोदी को बेहद खास बनाती है। तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेना एक गैर कांग्रेसी पार्टी के नेता का यह सब एक समय तक सपना ही है।।
चाय बेच कर अपना जीवन यापन करने वाले नरेंद्र मोदी ने समाज सेवा का रास्ता अपनाया, घर को भी त्याग दिया। क्योंकि राजनीति में आए अब राजनीति के क्षेत्र ही ऐसा है, जहां समर्थकों के साथ-साथ विरोधियों की भी बड़ी संख्या मिलती है। लेकिन हर व्यक्ति की अपने जीवन की कुछ व्यक्तिगत उपलब्धियां होती हैं। जो हम सबको प्रेरित करती हैं, नरेंद्र मोदी के जीवन में भी ऐसी कई बातें हैं और भारतीय जनता पार्टी का देश में इस समय पर सबसे मजबूत पार्टी होने का सीधा और सर्वाधिक श्रेय नरेंद्र मोदी को जाता है।
बचपन में चाय बेची यह एक ऐसा पक्ष है, जो उन्हें देश की बुनियादी जनमानस से जोड़ता है, जो गरीब है जो हर दिन काम करने के लिए भटकता है, या सड़कों पर संघर्ष करता है, जिसने ऊंचे भवन नहीं देखे, उनके लिए नरेंद्र मोदी संघर्ष और सफलता की सबसे ऊंची मिसाल हैं। इस स्तर पर नरेंद्र मोदी का यह सफल उन्नयन संगठन के कार्यकर्ताओं को उनकी तरह संघर्ष करने के लिए प्रेरित करता है। भले वह कोई कार्यकर्ता राजनीतिक विरासत से जुड़ा ना हो लेकिन उसे यह हौसला देता है कि वह भी एक दिन नरेंद्र मोदी जितना बड़ा कद हासिल कर सकेगा। यही है कि इस समय देश की किसी भी राजनीतिक संगठन से अधिक मजबूत कार्यकर्ता और संरचना है भारतीय जनता पार्टी की। क्योंकि नेतृत्वकर्ता किसी राजनीतिक विरासत से उभरा व्यक्ति नहीं है, संघर्ष से जन्मा है यह उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है और आप गौर करेंगे तो यही बात उन्हें कांग्रेस के सम्मुख बेहद मजबूत बनती है। क्योंकि वह परिवारवाद के आरोप से मुक्त हैं और कांग्रेस कुछ भी कर इसे नकार नहीं सकती।
नरेंद्र मोदी पर आरोप लगते रहे कि वह इतनी शिक्षित नहीं है। उनकी डिग्री को लेकर सवाल होते रहे लेकिन बात केवल यदि डिग्री की हो तो शायद वे कम पढ़े-लिखे भी हो। किंतु अपने आप में यह बड़ी उपलब्धि हैं कि इसके बावजूद भी उन्हें इतना अनुभव है, कि वे जनमानस को जिस प्रकार से अपने साथ जोड़ लेते हैं कि जिन्होंने तीसरी बार उन्हें प्रधानमंत्री के पद के लिए चुना है, और उनकी प्रसिद्धि दुनिया में रिकॉर्ड पर है।।
नरेंद्र मोदी के निर्णय क्षमता ने दुनिया को भारत की शक्ति का अभास कराया है। बात पाकिस्तान को लेकर हो या चीन को लेकर भारत ने इस तरह से अपनी सैन्य शक्ति की दिशा में प्रयास किए हैं विशेष कर नरेंद्र मोदी के शासन के अंतर्गत कि भारत एकीकृत भी हुआ संगठित हुआ और दुनिया को अपनी शक्ति का अभास कराया है। यह नरेंद्र मोदी के निर्णय क्षमता है, जिन्होंने समय-समय पर कठिन निर्णय लेकर मजबूत इच्छा शक्ति का प्रदर्शन किया है।।
"अच्छे दिन आएंगे" "मोदी मैजिक" "मोदी है तो मुमकिन है" "मोदी की गारंटी" जैसे वक्तव्य ने राष्ट्र के हर मनुष्य को जैसे सीधे प्रधानमंत्री से जोड़ दिया। वह भारतीय जनता पार्टी के साथ भारत की विशाल जन समुदाय के नायक बन गए राजनीति में इसका उपयोग क्या कुछ रहा वह सब एक विषय है। किंतु नरेंद्र मोदी का कद अवश्य इस प्रकार से बढता रहा जिसने जनमानस को इन वक्तव्यों पर विश्वास करने के लिए मजबूर किया, और परिणाम चुनावी जीतों में तब्दील होता रहा।
वैश्विक मंचों पर भारत सामर्थ्यवान दिखता है। यह इसलिए है क्योंकि भारत भीतर से स्वयं में मजबूत हुआ है। विश्व के तमाम उन देशों जो विकासशील हैं, अफ्रीका और दक्षिण एशिया के उन देशों की आवाज और नेतृत्वकर्ता की भूमिका में भारत उभरा है। इन सालों में भारत ने वैश्विक स्तर पर कुछ ऐसी उपलब्धियां हासिल की हैं, जो विश्व में भारत जैसे 140 करोड लोगों के देश के हिस्से का गौरव है।
नरेंद्र मोदी राजनीति में समर्थकों और विरोधियों से सदैव घिरे हैं। किंतु उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियां और राजनीति में संघर्ष और विजय को रेखांकित करने का आज बेहतर अवसर है। जबकि पक्ष-विपक्ष के सभी नेता देश का जनमानस उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दे रहा है।।
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