बिहार में 14 नवंबर को चुनाव के परिणाम सामने होंगे। और नए मुख्यमंत्री भी तय हो जाएंगे। साफ तौर से विपक्षी महागठबंधन की तरफ से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के तौर पर स्वीकार किया गया है। महागठबंधन में बिहार के चुनाव में तेजस्वी यादव ही नेतृत्व कर रहे हैं। हालांकि एक बड़ी पार्टी कांग्रेस उनके साथ है, लेकिन कांग्रेस का प्रभाव बिहार के राजनीति में कुछ कमजोर होता रहा है। उतनी ही मजबूत आरजेडी होती रही इससे पूर्व के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन न होने के चलते आरजेडी सरकार बनाने में असफल हो गई। हालांकि राजद ने अपने स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया अच्छी सीटें भी लेकर आई। लेकिन कांग्रेस से जितनी सीटों के आशा थी, क्योंकि वह प्राप्त न हो सकी इसलिए तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री बनने का सपना यूं ही रह गया। लेकिन इस बार रणनीति को कुछ अधिक मजबूत बनाने की कोशिश की गई है, लगभग सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर एक महागठबंधन तैयार किया गया है। किसी भी राजनीतिक दल को ना छोड़ा जाए जिससे आरजेडी को किसी भी सीट पर नुकसान हो सके। अंतिम रूप से इस रणनीति का परिणाम 14 नवंबर को साफ हो जाएगा। जिन अतिरिक्त दलों को साथ जोड़ा गया उनके लिए सीटों की व्यवस्था जो हुई वह कांग्रेस को समझौता करना पड़ा। इस तरह से वह सभी सम्मिलित रूप से महागठबंधन का स्वरूप धारण करते हैं।
मुकेश साहनी उपमुख्यमंत्री के लिए लगातार दावा पेश कर रहे हैं। और तेजस्वी यादव भी इस बात को स्वीकारते रहे हैं। कांग्रेस ने भी आखिर इस बात को स्वीकार लिया कि तेजस्वी यादव ही बिहार में महागठबंधन का मुख्यमंत्री के लिए चेहरा हैं। हालांकि खबरें यह भी रही कि कांग्रेस के राज्य स्तर पर संगठन में इन सब बातों से कुछ नोक झोक जरूर रही। क्योंकि बिहार में कांग्रेस संपूर्ण राज्य में अपनी शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए कम से कम इस विधानसभा चुनाव में मौका हासिल नहीं कर पाई है। यह भी बात कही जाती है, कि जिन सीटों पर जीत का अनुमान अच्छा होता है आरजेडी उन सीटों को हासिल कर लेती है, और बाकी जो सीटें शेष रह जाती हैं, उन्हें अन्य को सौंप देती है। कांग्रेस भी उन्हीं में एक है।
तेजस्वी यादव लगातार चुनाव प्रचार में है। राहुल गांधी प्रियंका गांधी भी बिहार के चुनाव मैदान में कांग्रेस के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। राहुल गांधी हाल में बिहार की मछुआरों के साथ मछली पकड़ते हुए सहयोग करते दिखे। यह बात चली भी खूब और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ने इस बात को मंच से कहा कि हमने मछुआरों के लिए अलग से एक मछली विभाग बनाया, जो देश में पूर्व में नहीं था। उनके लिए बजट आवंटित किया ताकि उनका जीवन बेहतर हो सके, यह एनडीए की सरकार के द्वारा उठाया गया ही कदम है। इस प्रकार चुनावी मैदान सज चुका है। सभी बड़े नेता बिहार में रैलियां कर रहे हैं।
विपक्ष एनडीए पर इसलिए भी निशाना साध रहे हैं, कि उन्होंने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का चेहरा साफ नहीं किया है। हालांकि एनडीए का कहना है, कि गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कहा है, कि बिहार में मुख्यमंत्री का पद रिक्त नहीं है।।
जैसे-जैसे वोटिंग की तारीख समीप है बिहार की राजनीति रोचक होती जा रही है आपका क्या कहना है बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे या बदलाव होगा?

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