
भारत के संविधान का मूल लेखन अनुच्छेद -1 में “राज्यों के संघ” को अंग्रेजी में “Union of state” लिखता है। “Federation of state” नहीं। जबकि अमेरिका दुनिया का सबसे पहला लिखित संविधान अमेरिका को “Federation of state” बताता है।
“फेडरेशन” और “यूनियन” इन दोनों में जिन का हिंदी अनुवाद “संघ” ही है में अंतर भारत और अमेरिका के संघ में अंतर से स्पष्ट किया जा सकता है।
अमेरिका की स्वतंत्रता के बाद 13 राज्यों ने मिलकर एक संघ का निर्माण किया। यहां राज्यों ने संघ का निर्माण किया है। अर्थात 13 राज्य आपस में संगठित हुए और अपनी कुछ शक्तियां सौंपकर एक संघ का निर्माण किया जो अमेरिका हुआ। आप अमेरिका के राज्यों की स्वायत्ता से अनुमान कर सकते हैं, क्योंकि वहां पर दोहरी नागरिकता होती है, अर्थात हर राज्य की अलग नागरिकता होती है, और देश की नागरिकता तो होती ही है। साथ ही वहां हर राज्य अपने अपने झंडे रखता है, इत्यादि।
अमेरिका संघ को शक्ति नहीं है, कि वह राज्यों का विनाश या पुनर्गठन कर सके। इसलिए अमेरिका को “अविनाशी राज्यों का अविनाशी संघ कहा गया है”
वहीं भारत अपने आपको पहले संघ मानता है, और तत्पश्चात राज्यों को प्रशासन की दृष्टि से बांटता है।
जहां अमेरिका में राज्य अपनी कुछ शक्तियां संघ को सौंपते हैं, वहीं भारत में संघ राज्यों को शक्तियां प्रदान करता है। भारत में एक ही नागरिकता है और राज्यों को अपने-अपने झंडे की अनुमति नहीं है। साथ ही भारत को “विनाशी राज्यों का अविनाशी संघ” कहा गया है। जबकि अमेरिका “अविनाशी राज्यों का अविनाशी संग” है भारत में विनाशी राज्यों से तात्पर्य राज्यों के पुनर्गठन से हैं। जिसमें संसद को शक्ति प्राप्त है की वह राज्यों की सीमाएं, क्षेत्रफल, नामों में परिवर्तन कर सकती है, और नए राज्यों का निर्माण भी कर सकता है। यह शक्ति संसद को संविधान का अनुच्छेद -3 के तहत प्राप्त है। अतः भारत ने, राज्यों के द्वारा निर्मित संघ “Federation of state” के स्थान पर संघ द्वारा निर्मित राज्य “Union of state” के रूप में अपने आपको बताया है ।
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