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उत्तराखंड में भाजपा की उभरती समस्याएं

पार्टी का नेतृत्व खेमा बड़ा होने से अब भाजपा की उत्तराखंड में चुनौती भी बड़ी है, कि वे सभी बागी हुए तथा योग्य, बुजुर्ग सभी नेताओं को मनोवांछित सीटों पर टिकट दे, जीत हो तो मंत्रिमंडल में जगह दे, मुख्यमंत्री का पद दें। वही भाजपा पार्टी के उत्तराखंड में पहले से ही दिग्गज नेता अपनी भक्ति, लंबे समय से पार्टी में होने के फल में अपने ही विचार को पार्टी का विचार मानने की मनः स्थिति में आ चुके हैं। 2016 में एक ओर पहले से ही कांग्रेस से बागी नेता अपनी मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी के लिए अधीर हुए हैं। भाजपा उन्हें भी अपनी पार्टी में ग्रहण कर पूर्णतः पकाने का काम कर रही हैं। किंतु वह बागी नेता तो राजनीति में अरसे से हैं, अतः अब इंतजार करना उन्हें लाजमी नहीं, और राजनीति में लंबे समय से होने के कारण अधिक अनुभव के कायदे से यूं तो उन्हें ही मुख्यमंत्री के पद पर आसीन होना चाहिए, किंतु भाजपा के लिए तो वे इतने पुराने नहीं जितने कि वे राजनीति में पुराने हो चुके हैं। खैर एक ओर जहां नेताओं का भाजपा का दामन थामना हो रहा है। वही सीट पर यह समस्या होगी, कि टिकट दे किन्हें। पुरोला की ही सीट का हाल देखें कि विधायक र...

शहीद मनदीप सिंह नेगी | भारतीय सेना शौर्य और बलिदान | विशेष लेख

भावपूर्ण श्रद्धांजलि   शहीद मनदीप सिंह नेगी  गांव बुरासी, ब्लॉक- पाबौ,  पौड़ गढ़वाल उत्तराखंड 2017 में गढ़वाल राइफल सेना में भर्ती भारत के लाल जवान मनदीप सिंह नेगी  जी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि।    यह तो मालूम है। कि मृत्यु का समय हममें कोई तय नहीं करता, ना कोई जानता है। यह अज्ञात है। किंतु जब कारवां आसमानी हो, जीवन लय में हो, तो मृत्यु के विषय में कोई क्यों सोचे।    जिसके हर कदम राष्ट्र को समर्पित हैं, जीत राष्ट्र को समर्पित है, जुबान जोशीले नारों से राष्ट्र को बयां करती हो, और यह  भक्ति भाव जब उसे सरहद पर मजबूती से खड़ा करती है, तब उनके शरीर पर आई एक कोई खरोंच केवल उसकी ना रहे। उसकी थकान, उसकी भूख, उसकी प्यास राष्ट्र के 130 करोड़ लोगों में बंट  जाए।    उसकी राष्ट्रभक्ति उसका समर्पण का भाव उसे इतनी शक्ति दे कि उसका साहस कभी फीका ना पड़े। इस राष्ट्र के संपूर्ण यश में उसका योगदान अगणनीय है, वह उस यश की किरणों का स्रोत है। वह इस राष्ट्र का सूरज है।    उसकी राष्ट्रभक्ति का भाव तो पूरी दुनिया में पूजनीय है। वह भक्ति इतनी प्...

Boxer Jaideep Rawat | Step which made him

Boxer Jaideep Rawat मु झे नहीं मालूम था, कि हमारे यहां से भी कोई लड़का मुक्केबाजी में खुद को आंकता होगा। अपना भविष्य एक मुक्केबाज होने में देखता होगा। तब जब वह इस खेल को जिसमें अपने करियर बनाने के लिए पहली दफा चयन प्रक्रिया में खड़ा था, मुझे तब यह मालूम नहीं था कि वह एक दिन इस खेल से दुनिया के सामने एक चेहरा प्रस्तुत होगा।    हम क्रिकेट खेल से चयन की आश में थे, और आप भी। यदि आप जयदीप के निवास क्षेत्र से होते तो आप भी क्रिकेट खेल में ही स्वयं को चयनित होने की लाइन में रखते। किंतु जयदीप ने ऐसा नहीं किया, उसने मुक्केबाजी को चुना। मुझे नहीं मालूम यह कैसे हुआ। एक पहाड़ी लड़का जो हम सब के साथ पल-बड़ा हो रहा हो, एक परिवेश, एक विद्यालय, एक से लोग, किंतु कैरियर के संबंध में जब खेल जहन में आया तो जिस खेल को चुना वह मुक्केबाजी। जयदीप जिस क्षेत्र से आते हैं, मैं निश्चित हूं यह कहने में, जयदीप ने यह खेल पहले कभी नहीं खेला था। हां टेलीविजन सुविधाओं के चलते देखा जरूर होगा।    दरअसल बात है 2014-15 की बैच की भर्ती के लिए महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज देहरादून में आठवीं और नौवीं कक्षा...

रक्षाबंधन पर एक रीत | वैचारिक लेख by- diwakar

राखी पर हमारे यहां एक चलन रहा है। भाई बहन का प्यार और राखी के अलावा। अब यह चलन अपने पहाड़ में ही है, या और भी विस्तृत है, यह मालूम करना रहेगा। बहन की राखी के साथ एक और राखी होती है। ब्राह्मण की भेजी राखी। अब तक भी यह चलन में है। हालांकि इस प्रकार का सामाजिक ताना-बाना तकरीबन कमजोर हो चुका है, और यह चलन भी। पड़ोस के पंडित जी जो सामने के मंदिर में होते हैं, राखी लेकर हमारे घर पहुंचे और सब को राखी पहनाई दरअसल मोहल्ले में पंडित जी एक मात्र यही हैं। जो हर कार्यक्रम संस्कार पर पूजा पाठ की विद्या जानते हैं। मोहल्ले में गांव जैसा व्यवहार पैदा हुआ होगा तो, और पंडित जी भी इकलौते मोहल्ले के कार्यक्रमों में पुजारी रहे हैं तो, मोहल्ले को स्वीकार भी है। जो लोग मोहल्ले में इस रीत से अवगत हैं, पुजारी जी उन लोगों से अवगत हैं, उन्होंने राखी बांधी हालांकि पंडित जी चमोली के हैं। हम चमोली के नहीं। पुश्तैनी गांव में पुरखों से आज तक यह रीत कैसे काम करती है। गांव में राखी भेजने वाले ब्राह्मण को राशि का ब्राह्मण कहते हैं। यह कुछ ऐसे है, कि वह हमारे या आपके कई पुस्तों से ब्राह्मण होंगे। तब उनके पुरखे और...

नारीवाद | Feminism in hindi

समाज में एक औरत और पुरुष के किसी अपराध में होने पर अशिष्ट व्यवहार पर दंड देने वाले तीसरे व्यक्ति का उनके प्रति दृष्टिकोण कैसा होगा। यह औरत और पुरुष के संपूर्ण समुदाय के द्वारा किए गए असम्मानजनक कृत्यों के आंकड़ों से अनुमान कर सकते हैं। जैसे किसी विद्यालय में एक कक्षा के 10 बच्चों ने अवज्ञा की तो सारे विद्यालय में शिक्षक उसके कक्षा को संपूर्ण कक्षा को ही बिगड़ी कक्षा कहने लगते हैं। हो सकता है, कि आज भी विश्व में या अपने ही देश में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं के द्वारा किए अपराधों की संख्या में तो समानता ना आई हो, और यदि अपने आसपास समाज में भी हम दृष्टि डालें तो सामान्य तौर से घरेलू हिंसा का अपराध हो या अन्य तो ज्यादातर पुरुष ही अपराधिक कटघरे में खड़े हैं। हालांकि कहीं पर औरत भी अपराधी है, यह अपवाद है। किंतु यह उतना नहीं जितना पुरुष वर्ग अपराधिक कार्यों में ऊंचे आंकड़े दे चुका है। इस प्रकार की दृष्टिकोण में और सामाजिक समीकरणों में जब एक अन्य व्यक्ति अथवा तीसरा व्यक्ति पुरुष और महिला को अपराध में पाता है, अथवा एक दूसरे पर आरोप मढते पाता है, तो विषय की जानकारी ना होने पर भी वह अधिकत...

New vehicle scrappage policy in india | गाड़ी परिमार्जन नीति | in hindi

यह स्पष्ट तौर से पुरानी गाड़ियों के परिमार्जन की पॉलिसी है।बीते 13 अगस्त 2021 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने यह पॉलिसी घोषित की। मोदी जी का कहना है, कि यह पॉलिसी भारत में 10000 करोड़ से अधिक रुपए का नया निवेश लाने जा रही है, और रोजगार का हजारों में सृजन करने वाली है।    इस पॉलिसी में पुरानी हो चुकी गाड़ी के लिए नई परिमार्जन नीति निर्देशित है।  प्राइवेट व्हीकल को 15 साल बाद और कमर्शियल व्हीकल को 20 साल बाद टेस्ट सेंटर में फिटनेस जांच को जाना अनिवार्य होगा।    यदि गाड़ी टेस्ट पास नहीं कर पाएगी तो तय है। कि उसे परिमार्जन के लिए जाना ही होगा। इस पर गाड़ी के मालिक गाड़ी परिमार्जन से संबंधित सर्टिफिकेट प्राप्त करेंगे। वह सर्टिफिकेट निम्न बिंदुओं पर उपयोगी होगा। 1. नई गाड़ी पर डिस्काउंट प्राप्त होगा। 2. नई गाड़ी खरीद पर रजिस्ट्रेशन पर कोई रुपया नहीं देना   होगा। 3. रोड टैक्स पर छूट होगी।

15 august 2021 | इंडिपेंडेंस डे ऑफ इंडिया

    15 अगस्त शुभकामनाओं, भारतीय यश की गाथाओं  के स्मरण के साथ पुनः आया है इन गाथाओं का दीप सदैव उदीयमान रहे। भारतीय पताका विजय हवाओं में लहराता रहे, और उसके तल में उत्साह और मानव उत्थान की सूज में भारतवासी राष्ट्रगान का स्वर ऊंचा कर प्रतिवर्ष 15 अगस्त को मिसाल बनाते रहें।  यह हमारी एकता का परिणाम होगा।  दुनिया को पैगाम होगा ।