गुरुवार, 30 सितंबर 2021

अफगान घटनाक्रम 30 सितंबर 2021 तक | Afganistan news

अफगानिस्तान घटनाक्रम / तालिबान के फरमान /  पाकिस्तान के बयान-

अफगान घटनाक्रम

अफगानिस्तान में महिलाएं-

तालिबान विश्व स्तर पर अपना अस्तित्व तलाश रहा है। वह मान्यता के लिए और दुनिया में अफगान को प्रस्तुत करने के लिए बेचैन है। किंतु अफगान समाचारों में मानव अधिकार के हनन की खबरें जारी हैं। महिलाओं पर दमन चक्र और अत्याचार पर आवाजें उठ रही हैं। महिलाओं के शिक्षा पर प्रतिबंध का इंतजाम किया जा रहा है। महिलाओं की राजनीति में प्रवेश वर्जित है। इन सब ने दुनिया भर से अफगानी हितों में आवाज उठ रही है। एमनेस्टी इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर ह्यूमन राइट्स तथा वर्ल्ड ऑर्गेनाइजेशन अगेंस्ट टॉर्चर ने अफगानिस्तान में तालिबानियों के द्वारा मानव अधिकार के लिए काम करने वाले या स्वर ऊंचा करने वालों को घर-घर जाकर दमन करने पर चिंता जाहिर की है।
वहीं अफगान में तालिबान सरकार की महिलाओं पर अत्याचार के विरोध में विभिन्न राष्ट्रों की महिलाओं ने न्यूयॉर्क यूएन मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में महिलाओं ने इस विरोध में उपस्थिति दर्ज की।

पाकिस्तान के बयान-

आजकल अफगानिस्तान को लेकर पाकिस्तान खबरों में बना हुआ है। तालिबान की मान्यता पर पाकिस्तान लगातार अपना बयान दे रहा है। वह वैश्विक स्तर पर अफगान की पैरवी करता है। पाकिस्तान विदेश मंत्री महमूद कुरैशी का बयान है, कि तालिबान अफगान में हकीकत है। हमें उसे स्वीकारना होगा। वही अफगान का हित है। तालिबान के नेताओं से आमने-सामने बैठकर वार्ता की जानी चाहिए। आफगान में तालिबान के अलावा अब कोई भी विकल्प नहीं है। उन्होंने साथ यह भी कहा यदि अफगान दुनिया की जरूरतों को पूरा करेगा, तो निश्चित ही उसे स्वीकार्यता प्राप्त होगी। कुरैशी ने कहा अफगान में तालिबानी सरकार के चलते वह जमीन आतंकी घटनाओं का केंद्र न बन सकें, इसके लिए पाकिस्तान दुनिया के साथ है। किंतु वैश्विक राष्ट्रों को अफगान में तालिबान सरकार की मान्यता पर ठीक कदम उठाना होगा।
पाकिस्तान के आतंक के खिलाफ विश्व के साथ होने के इन सभी तर्कों के बीच हाल ही में एक आतंकी को भारत ने सीमा से घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर हिरासत में लिया है। घुसपैठी स्वयं को पाकिस्तानी बता रहा है। सेना के कैंप में उसकी ट्रेनिंग हुई है। उसने स्पष्ट शब्दों में भारतीय सेना को बतायाहै। पाकिस्तान के बयानों में और कृतियों में कितना अंतर है, यह स्पष्ट हो जाता है।
पूर्व पाकिस्तानी राजनयिक हुसैन हक्कानी के मुताबिक पाकिस्तान सदस्य धर्मनिरपेक्ष लोगों को देशद्रोह और विश्वासघाती के तौर पर देखता रहा है।
अतः पाकिस्तान की नीति में धर्मनिरपेक्षता का कोई स्थान नहीं है, धार्मिक कट्टरता का प्रयोग उसकी नीति है।

अफगान आर्थिक दशा-

अफगान आर्थिक संकट के चरम दौर से गुजर रहा है। बेरोजगारी अकाल और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध अफगान में आर्थिक दशा को लेकर तालिबानी सरकार की सबसे बड़ी चिंता बना हुआ है। दरअसल अफगान में तालिबानी डर से केंद्रीय बैंकों के प्रमुख और अन्य अधिकारी तो पहले ही देश छोड़ चुके हैं। अब अहम फैसले कैसे और कौन लेगा एक और समस्या है। तालिबान सरकार के प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनफी ने केंद्रीय बैंकों के अधिकारियों से बैठक में कहा कि बैंकिंग की व्यवस्था को उसकी समस्या को एक संबंधित कानून से हल किया जाना सुनिश्चित है।
विश्व बैंक की माने तो अफगान में आर्थिक पिछड़ापन को एंडेमिक बताया है। जिसका तात्पर्य कभी न खत्म होने वाला है। अफगान में विश्व बैंक के मुताबिक 90 फ़ीसदी आवाम $2 प्रतिदिन में गुजारा करने को मजबूर है। आपको बताएं कि 4.2 अरब डालर की मदद विश्वभर से अफगानिस्तान को 2019 में प्राप्त हुई थी। किंतु इस समय हालात कुछ इस प्रकार के हैं, कि यह मदद मिल पाना मुश्किल प्रतीत होता है।

अफगान से कुछ अन्य खबरें-

अफगान ने हाल ही में यूएन में उच्च स्तरीय आम चर्चा में भाग लेने के लिए एक नाम गुलाम एम इसकजाई को लेकर एक पत्र यूएन को दिया था। कि वे उनका प्रतिनिधित्व करेंगे, किंतु यूएन के एक शीर्ष अधिकारी ने इस बात पर जानकारी दी, कि अफगान और साथ ही म्यामार इस समय यूएन के इस सत्र की उच्च स्तरीय आम चर्चा की सूची में नहीं है।
वही अफगान में तालिबान सरकार का शरिया कानून से संबंधित फरमान पर जोर है। सैलून में धार्मिक गीत नहीं बजेंगे, या अन्य प्रकार के संगीत न बजें यह तय किया गया है। खबर हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्करगाह की है। जहां हज्जामों के प्रतिनिधियों से बैठक में यह फरमान जारी है, कि स्टाइलिश हेयरकट और दाढ़ी न बनाने के प्रतिबंध को माने और यह न करें।
शरिया कानून की कई फरमान जारी के साथ अब तालिबान अपने रंग में दिखे लगा है। महिलाओं का दमन, हाथ पैर काटने की सजा और अब दाढ़ी ना कटे का प्रतिबंध गौरतलब है।
इसी दरमियान अबू धाबी से खबर प्रेषित होती है, कि अफगान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी का फेसबुक खाते को हैक कर दिया गया है। उनका कहना है, कि उनके फेसबुक अकाउंट से तालिबान को मान्यता दी जाए, को लेकर एक पोस्ट किया गया है। जो उनका नहीं है।
साथ ही आपको यह भी जानना चाहिए, कि ट्विटर ने भी अफगान के मंत्रालयों के खातों से वेरीफाइड बैज ब्लूटिक को हटा दिया है। विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय राष्ट्रपति आवास के अकाउंट से ब्लू ब्याज हटा दिया गया है।

रविवार, 26 सितंबर 2021

world pharmacist day in hindi | फार्मेसी क्या है फार्मेसी के जनक

वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे | फार्मेसी क्या है | 25 septenber-

वर्ल्ड फार्मेसी डे

 विश्व फार्मासिस्ट डे प्रत्येक वर्ष 25 सितंबर को मनाया जाना सुनिश्चित है। यह फार्मासिस्टों द्वारा अनेकों लोगों को उनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए किए प्रयत्नों को उजागर करने और उनके योगदान को बढ़ावा देने का दिवस है।

मनाने की शुरुआत-

2009 में तुर्की ( इंस्ताबुल ) से एक अंतरराष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल फेडरेशन (IFP) परिषद ने सर्वप्रथम इस दिन को यह महत्व देने की शुरुआत की थी। वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे की शुरुआत करने वाला तुर्की से अंतरराष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल फेडरेशन (IFP) का स्थापना वर्ष 1912 दिवस 25 सितंबर है। क्योंकि 25 सितंबर ही IFP का स्थापना दिनांक है, इसलिए भी तुर्की के IFP सदस्यों ने इस दिवस को ही आने वाले वर्षों में वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे के तौर पर मनाए जाने की मांग की।

इस वर्ष की थीम-

वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे मेहता उन फर्म स्टॉकिंग तमाम योगदान को देखते हुए हर साल एक नई थीम को इस दिवस पर निर्धारित किया जाता है 2020 में इस दिवस पर वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे की थीम “Transforming global health” रखी गई थी। इस वर्ष 2021 में इस दिवस पर वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे की थीम “Pharmacy: always trusted for your health” रखी गई है।

फार्मेसी क्या है-

फार्मेसी को मेडिकल की शिक्षा से संबंधित है। यदि आप इंटरमीडिएट की परीक्षा विषय भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान से करते हैं, तो यह आपके उच्च शिक्षा का एक ऑप्शन हो सकता है। भारत में फार्मेसी एक्ट 1948 के अधीन PCI को 4 मार्च 1948 को गठित किया गया था। क्योंकि फार्मेसी एक प्रोफेशनल कोर्स है। PCI ( फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ) भारत में फार्मेसी प्रोफेशन को सुचारू रखता है।
एक फार्मेसिस्ट जिसे आप केमिस्ट भी कह सकते हैं। जो दवाइयों को तैयार करने और साथ ही उन्हें वितरित करने की योग्यता रखता है। फार्मेसी मेडिकल में ज्ञान की यही शाखा है, जो फार्मेसिस्ट को तैयार करती है।
एक फार्मासिस्ट किसी औषधालय में तथा क्लीनिक में लोगों को सेवा देते हैं। एक अध्ययन की मानें तो 78% फार्मेसी टेक्निशियन फीमेल है। और फार्मेसिस्ट लोगों के स्वास्थ्य देखभाल में सर्वाधिक योग्य, कारगर और सुलभ हैं। आंकड़ा कहता है कि दुनिया में 4 मिलियन फार्मेसिस्ट लोगों को सेवा दे रहे हैं।

भारत में फार्मेसी का जनक-

महादेव लाल श्राफ को भारत में फार्मेसी के जनक का श्रेय प्राप्त है। उनका फार्मेसी के क्षेत्र में भारत में योगदान विशेष  है। उन्होंने अपने इंजीनियरिंग कोर्स की पढ़ाई हिंदू यूनिवर्सिटी ऑफ बनारस से हासिल की थी।

शुक्रवार, 24 सितंबर 2021

अफगान समाचार | अफगान के सार्क संगठन में सम्मिलित होने के लिए कोशिश | Afganistan news

अफगान समाचार

सार्क संगठन में सदस्यता के लिए कोशिश-

सार्क दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन में तालिबान के प्रवेश होकर सदस्य बनने के लिए पाकिस्तान की पुरजोर कोशिश नाकाम हो गई है। पाकिस्तान सार्क की बैठक में उपस्थित सदस्य राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों के समूह से इस विषय को लिए अगुवाई कर रहा था, कि तालिबान सार्क संगठन का सदस्य होना चाहिए। न्यूयॉर्क में हुई इस बैठक में सार्क संगठन के सदस्यों ने पाकिस्तान की कोशिश जो कि तालिबान की अगुवाई करते हुए सार्क में शामिल करने की थी, नकार दी और इस मसले पर आम सहमति न बन पाने से उस दिवस की बैठक ही रद्द कर दी गई।

संगठन के सात राष्ट्र सदस्यों में से पाकिस्तान के अलावा तालिबान को मान्यता देने वाला कोई राष्ट्र नहीं है।

यूएन में तालिबान की भाषण के लिए कोशिश-

अफगान कि तालिबान सरकार को अब तक मान्यता यूएन से प्राप्त न होने के चलते भी तालिबान अपने प्रतिनिधि का नाम संयुक्त राष्ट्र को प्रेषित कर चुका है। जिसमें उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में तालिबान का प्रतिनिधित्व के लिए सुहैल साहीन का नाम संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस को भेज, 76वें सत्र में अपनी बात रखने के लिए इजाजत की मांग की है। तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने लिखा कि गनी की सरकार के काल में स्थाई राजदूत गुलाम इसाकजाई देश का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। अतः तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र में भाषण को अपने नए राजदूत सुहेल शाहीन के लिए अनुमति की मांग की है।

पाकिस्तान और तालिबान सरकार नोकझोंक-

जहां पाकिस्तान अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार की मान्यता के लिए विश्व भर में बोल रहा है। यूं कहें कि तालिबान के चलते अफगानिस्तान में हुए बदलावों के बाद तालिबानी सरकार के साथ खड़ा होकर अफगान को पटरी पर लाने की पुरजोर कोशिश भी करता है। ऐसी प्रवृत्ति के चलते कुछ किस्से भी खबरों में शामिल हुए हैं-

1. पाकिस्तान झंडे को हटाने पर तालिबान नाराजगी व्यक्त करता है और सीमा के रक्षक जवानों में चार को गिरफ्तार करता है तालिबानी सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि तोरखम सीमा पर 17 ट्रक पाकिस्तान से मदद सामग्री लिए तालिबान में प्रवेश करने पर सीमा रक्षक दल में से कुछ ने पाकिस्तान के झंडे को जबरन हटा दिया। जिसका वीडियो फुटेज उपलब्ध हुआ है। तालिबान इस व्यवहार की निंदा करता है। इस पर कार्यवाही करते हुए तालिबानी सीमा के 4 जवानों को गिरफ्तार किया गया।

2. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान ने तालिबान को नसीहत दी है, कि “तालिबान सरकार में सभी गुटों को ले नहीं तो गृह युद्ध झेलना पड़ेगा” अब इस नसीहत पर तालिबान जो विश्व में अफगान में अपनी सरकार के हो जाने के पश्चात एकल समृद्ध राष्ट्र की छवि को टटोल रहा है। वह अपनी एक मजबूती को प्रस्तुत करने के लिए, पाकिस्तान को फटकार लगाने से भी ना थमा।

तालिबान प्रवक्ता और अफगान सूचना मंत्री जबीउल्लाह मुजादीन  ने डेली टाइम्स में कहा कि “पाकिस्तान या कोई अन्य देश यह न बताएं कि आसमान में सरकार कैसी हो”।

कतर ने की अपील-

अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने कतर की ओर से प्रतिनिधित्व कर संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक नेताओं से अफगान कि तालिबान सरकार के प्रति बहिष्कार ना हो की अपील की है। वे कहते हैं, कि बहिष्कार से मात्र ध्रुवीकरण होता है।

उनका कहना है, कि तालिबान के कैबिनेट महिलाओं के बिना सदस्य वाली हैं। किंतु वह भविष्य में एक समावेशी कैबिनेट की ओर जरूर कदम रखेंगे। उनका कहना है, कि दुनिया में इस वक्त अफगान की स्थिति के चलते मानवीय मदद की पहल जारी रखनी चाहिए। राजनीतिक मतभेदों को अलग ही रहने देना चाहिए।

वही उज्बेकिस्तान ने अफगान को तेल और बिजली की आपूर्ति अपनी ओर से प्रारंभ कर दी है।

23 september अंतरराष्ट्रीय संकेतिक भाषा दिवस | वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ

अंतरराष्ट्रीय संकेतिक भाषा दिवस

अंतरराष्ट्रीय संकेतिक भाषा दिवस-

23 सितंबर को संपूर्ण विश्व में अंतरराष्ट्रीय संकेतिक भाषा दिवस के रुप में मनाया जाता है। यह दिवस विश्व में भाषा के उस प्रकार के महत्व को प्रकाश में लाता है, जो हम आज भी भाषा के इतने विकास हो जाने के पश्चात प्रयोग कर ही देते हैं।
उदाहरण के लिए हम संकेत कर अपने दोस्त को दर्शाते हैं, कि गाड़ी उस और गई है,  तुम्हारी पेन उस डेस्क में है, तुम्हारी सीट वह है आदि।

भाषा हमारे आचार विचारों को व्यक्त करने का माध्यम है, और सांकेतिक भाषा संकेतों की भाषा है, जहां हम अपने भावों विचारों को संकेतों के माध्यम से व्यक्त करते हैं।
यह दिवस विश्व भर में सांकेतिक भाषा के उत्थान की ओर कदम है।
इस वर्ष 2021 सांकेतिक दिवस की थीम “वी साइन फॉर ह्यूमन राइट्स” रखा गया है।

वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ ( world federation of the deaf ) –

अंतरराष्ट्रीय संकेतिक भाषा दिवस की अवधारणा सर्वप्रथम वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ ( WFD ) द्वारा की गई। WFD स्थापना वर्ष 1957 दिवस 23 सितंबर है, जो कि विश्व भर में 135 राष्ट्रों के बधिर लोगों के हितों के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी गणना है, कि दुनिया भर में लगभग 70 मिलियन लोग बधिर हैं। जिनके लिए आवश्यक है, कि संकेतिक भाषा विकसित हो और प्रचलित भी  हालांकि संकेतिक भाषा का भी व्याकरण है। आपने कई टीवी समाचारों में सांकेतिक भाषा के जानकार को एक ओर से संकेतों में समाचार व्यक्त करते हुए देखा होगा। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ बधिर लोगों की मानव अधिकार को इस भाषा के उत्थान से संरक्षण होने की वकालत करते हैं।
क्योंकि वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ 23 सितंबर के दिन स्थापित हुई थी। अतः इस दिवस की ऐतिहासिक महत्व ही यूएन द्वारा 23 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस के तौर पर घोषित करने का कारण है।

संकेतिक भाषा का ऐतिहासिक प्रमाण-

संकेतिक भाषा का प्रथम ऐतिहासिक प्रमाण प्लेटो की क्रेटिलस से मिलता है। जिसमें सुकरात कहते हैं, यदि हमारे पास आवाज या जुबान नहीं होती, तो हम अपने विचारों की अभिव्यक्ति में अपने हाथ, सिर और शरीर के अन्य अंगों का प्रयोग करते, और उनसे संकेत करने का प्रयत्न करते।

गुरुवार, 23 सितंबर 2021

आयुष्मान योजना को 3 वर्ष पूरे | प्रदेश में अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना

आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना को 3 वर्ष पूरे

आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना-

23 सितंबर को आयुष्मान भारत योजना को 3 वर्ष पूरे हुए हैं। उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी का कहना है, कि इस योजना के अंतर्गत अब तक 4 अरब रुपए तक खर्च किए जा चुके हैं, 44 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड प्रदेश में अब तक बनाए जा चुके हैं। अलग-अलग स्तरों पर आम जनमानस के आयुष्मान कार्ड बनाए जाने के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं। तहसील, ब्लॉक स्तर पर शिविर लगाकर आम लोगों के अयुष्मान कार्ड बनाने की कार्ययोजना जारी है।

आयुष्मान योजना अपने 3 वर्ष पूरे कर चुकी है। जिसे लेकर मंथन 3.0 का आयोजन हुआ। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने इस उपलक्ष में योजना की राज्य में समीक्षा के परिपेक्ष में बैठक की।

क्या है आयुष्मान भारत योजना-

3 वर्ष पूर्व प्रारंभ की गई यह योजना केंद्र सरकार की योजना है। जिसे 3 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। यह योजना भारत वर्ष में 10 करोड परिवारों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवा देने की है। जिसमें प्रति परिवार प्रतिवर्ष चिकित्सा सुविधा के तौर पर ₹5 लाख तक का निशुल्क उपचार देने की घोषणा है।

आयुष्मान योजना से उत्तराखंड को लाभ-

देशभर में 10 करोड़ परिवारों को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने वाली आयुष्मान योजना में उत्तराखंड के 5 लाख 32 हजार परिवारों को लाभ प्राप्त होगा। इन परिवारों को ₹5 लाख प्रति वर्ष प्रति परिवार निशुल्क स्वास्थ्य सेवा देने की योजना है। आयुष्मान योजना के अधीन उत्तराखंड में 213 अस्पताल जिनमें 111 प्राइवेट तथा 102 सरकारी अस्पताल सूचीबद्ध हैं। वहीं राज्य से बाहर 27 हजार अस्पतालों में 1600 प्रकार के रोग दशाओं में आयुष्मान कार्ड निशुल्क स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध है। कोरोना महामारी के दौरान राज्य में इलाज के लिए सरकार ने 26 करोड से अधिक धनराशि खर्च की जिससे सूचीबद्ध चिन्हित अस्पतालों में कोरोनावायरस के 2700 से अधिक लोगों का उपचार हुआ।

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना-

प्रदेश में अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना केंद्र सरकार की योजना आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना का ही स्वरूप है। प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी का कहना है, कि यह योजना केंद्र सरकार की योजना से ही प्रेरित होकर प्रारंभ की गई है। अटल आयुष्मान योजना उत्तराखंड के 23 लाख सभी परिवारों को स्वास्थ्य सुविधा के तौर पर निशुल्क उपचार ₹5 लाख प्रति परिवार तक देने की घोषणा करती है। राज्य की इस योजना में नए आंकड़ों की माने तो 6 माह में 5150 कार्डधारक लाभार्थियों ने स्वास्थ्य निशुल्क सेवा का लाभ उठाया है।

राशन कार्ड के आवेदन में आवश्यक दस्तावेजों का विवरण | नया राशन कार्ड बनवाने के लिए क्या करें

नवीनीकरण / नया राशन कार्ड के लिए आवेदन में आवश्यक दस्तावेजों का विवरण-

1. मुखिया की एक पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ- 

राशन कार्ड के आवेदन के लिए घर के उस परिवार के मुखिया की पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ जो नए राशन कार्ड के लिए आवेदन कर रहे हैं।

2. पुराना राशन कार्ड यदि / राशन कार्ड के निरस्तीकरण प्रमाण पत्र / नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट

3. मुखिया से संबंधित निम्न कागजों की फोटोकॉपी-

● बैंक में खाते की बुक के पहले और आखिरी पेज की फोटो कॉपी लानी होती है।

● गैस बुक की प्रथम पृष्ठ की फोटो कॉपी लानी होती है

4. सभी सदस्य जो राशन कार्ड में होंगे के संबंधित दस्तावेज-

उस परिवार के सभी सदस्य के आधार कार्ड की फोटो कॉपी आवश्यक है।  अर्थात राशन कार्ड पर जिन सदस्यों का नाम दर्ज होगा, उन सभी के आधार कार्ड की फोटोकॉपी आवश्यक है।

5. आय प्रमाण पत्र संबंधित किसी एक दस्तावेज की फोटो कॉपी-

● नौकरी होने पर या तो सैलरी स्लिप की फोटोकॉपी।

या

● इनकम टैक्स द्वारा वापस दी गई रिसिप्ट की फोटोकॉपी।

या

● आय प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी।

6. निवास स्थान एड्रेस के सत्यापन के लिए निम्न में से किसी एक दस्तावेज की फोटो कॉपी-

● हाल ही में आया बिजली का बिल नवीनतम-

 हो सकता है कि बिजली का बिल घर के मुखिया के नाम पर हो और मुखिया का पुत्र अपनी पत्नी और बच्चों को लिए पिता (मुखिया) के साथ ही एक घर में रहता हो तो बिजली का बिल वही घर का मुखिया के नाम का प्रयोग में होगा।

या

● नवीनतम पानी का बिल-

घर में आए पानी के बिल की एक फोटो कॉपी।

या

● हाउस टैक्स से संबंधित कागज की फोटो कॉपी।

या

● किरायानामा की फोटो कॉपी।

नोट- यह सभी जानकारियां जिला पूर्ति कार्यालय देहरादून उत्तराखंड से दिनांक 23 सितंबर 2021 को इकट्ठी की गई है। राशन कार्ड के आवेदन से संबंधित सभी दस्तावेजों को पूर्ण कर खाद्य पूर्ति कार्यालय तहसील में जमा करवाया जा सकता है।

मंगलवार, 21 सितंबर 2021

मेधावी छात्र से बैडमैन तक का सफर | गुलशन ग्रोवर जन्मदिन विशेष

गुलशन ग्रोवर

बचपन

गुलशन ग्रोवर जी स्कूल के दिनों में बड़े मेधावी छात्र हुआ करते थे। विद्यालय में अच्छे अंको से पास होना, और एक अच्छे विद्यार्थी की तरह शालीन स्वभाव से पर्दे पर बैडमैन हो जाने तक का सफर कैसे तय हुआ।

वे दिल्ली में पले बड़े, दिल्ली के ही स्कूल में उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की परिवार की स्थिति इतनी बेहतर नहीं थी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, जब गुलशन ग्रोवर जी कहते हैं, कि मैं बचपन में स्कूल की ड्रेस को अपने साथ लिए सुबह डिटर्जेंट और साबुन, फिनायल इत्यादि को बेचने घर-घर जाया करता था। आप की अदालत मैं गुलशन ग्रोवर का अपने बचपन के विषय में कहना है, कि जो लोग उन्हें बचपन में जानते थे, आज पर्दे पर उन्हें देखकर जरूर सोचते हैं, कि यह इतना अच्छा लड़का ऐसे रोल कैसे कर सकता है, यह तो ऐसा लड़का है ही नहीं।

गुलशन ग्रोवर असल जिंदगी में कभी बैडमैन रहे ही नहीं उनकी बहनों से सुने तो बचपन में गुलशन उन्हें पढ़ाया करते थे। स्कूल समय से ही झगड़े लड़ाइयों से दूर रहे गुलशन स्क्रीन पर एक अलग ही रंग में दिखते हैं। बचपन से ही कलाकारी का एक अलग शौक गुलशन साहब को रहा। उन्होंने बचपन में रामलीला से स्कूल कॉलेजों में ड्रामा के मंचों तक गुलशन ग्रोवर अपनी अदाकारी की धार पेनी करते रहे। वह श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स दिल्ली से ग्रेजुएट हुए।

सफल कलाकार बनने का सफर

गुलशन ग्रोवर ग्रेजुएशन के बाद मुंबई को रवाना हो गए। उन्होंने वहां प्रो० रोशन तनेजा के एक एक्टिंग स्कूल में एडमिशन ले लिया, और वहां जिन सहपाठी से उनकी मुलाकात हुई। जिनमें एक और सफल कलाकार अनिल कपूर, मदन खान, मदन जैन, सुरेंद्र पाल इत्यादि।

जब गुलशन ग्रोवर एक्टिंग स्कूल लास्ट ईयर पास आउट हुए। एक निरीक्षक के तौर पर छात्रों को प्रोत्साहित करने और उनकी उन्नति को आंकने अनिल कपूर साहब के पिता सुरेंद्र कपूर जी वहां उपस्थित हुए, और उन्होंने गुलशन ग्रोवर को सर्वाधिक अंक दिए, विश्वास दिलाया कि जो आवश्यकता हो मुझे जरूर बताना, मैं तुम्हें मदद देने की पूरी कोशिश करूंगा, और जिस मदद का वादा सुरेंद्र कपूर जी ने गुलशन ग्रोवर से किया था, उसमें पहली सबसे बड़ा साथ जो दिया उन्होंने अपनी फिल्म “हम पांच” में काम देकर।

अपनी एक्टिंग कोर्स पूरा हो जाने के बाद अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में आवश्यकताओं पर खर्चा को लेकर गुलशन ग्रोवर साहब ने उसी एक्टिंग स्कूल में एक्टिंग टीचर के तौर पर नौकरी कर ली और अपनी एक्टिंग टीचर की नौकरी के साथ-साथ हुए फिल्म मेकर से मुलाकात के लिए दौड़ भी करते रहे। इसी दौरान प्रोफेसर रोशन तनेजा से संजय दत्त एक्टिंग कोर्स लेने आए इस तरह से गुलशन ग्रोवर भी उनके टीचर रहे।

पहली फिल्म

गुलशन ग्रोवर की पहली फिल्म को लेकर संजय दत्त साहब के पिता सुनील दत्त जी कहते हैं, कि उन दिनों में संजय दत्त की ट्रेनिंग के दौरान गुलशन ग्रोवर संजय दत्त को मिला करते रहे। एक दिन संजय दत्त ने अपनी पिता सुनील दत्त जी से कहा कि पिताजी यह गुलशन हैं और यह बहुत अच्छी कॉमेडी कर लेता है। जब सुनील दत्त जी ने उन्हें देखा तो उन्होंने गुलशन में एक अच्छा एक्टर पाया। उन्होंने सलाह दी कि तुम विलेन के रोल में काम किया करो। उन्हीं दिनों सुनील दत्त जी रॉकी फिल्म को फिल्माने की तैयारी में थे। वहीं से गुलशन ग्रोवर का पहला रोल निकल कर आया।

रॉकी फिल्म कामयाब फिल्म रही, किंतु गुलशन ग्रोवर साहब को बहुत पहचान तो नहीं मिली थी, उन्हें इस फिल्म में काम से फिलहाल तक तो उस स्तर पर नोटिस नहीं किया गया।

अनिल कपूर जी के पिता सुरेंद्र कपूर जी ने भी गुलशन ग्रोवर जी को अपनी फिल्म हम पांच में काम करने का मौका दिया। “हम पांच” फिल्म में काम कर रहे गुलशन ग्रोवर साहब कि उसी दौरान मुलाकात शबाना आजमी जी से होती है, और उन्हें गुलशन ग्रोवर की मेहनत उनका समर्पण बेहद पसंद आया और उन्होंने मोहन कुमार जी से “अवतार” फिल्म के लिए गुलशन ग्रोवर का जिक्र किया उनकी तस्वीरों को उन तक पहुंचाया। इसी पहल के चलते मोहन कुमार साहब ने गुलशन ग्रोवर जी को फिल्म अवतार में काम दिया। इसके बाद गुलशन ग्रोवर के करियर में अनेकों कामयाब फिल्मों का झरोखा बह चला।

बॉलीवुड का बैडमैन

गुलशन ग्रोवर साहब के चाहने वाले बेडमैन के नाम से जानते हैं। इसे लेकर सुभाष घई की फिल्म राम-लखन में गुलशन ग्रोवर को मिला रोल का जिक्र आता है। उस फिल्म के रिलीज होने के बाद गुलशन ग्रोवर का जादू दर्शकों के जुबान पर साफ दिख रहा था। दर्शक फिल्म देख कर बाहर निकले तो केवल बैडमैन, बैडमैन ही कह रहे थे, और उस फिल्म की सफलता के साथ ही गुलशन ग्रोवर साहब बैडमैन के नाम से मशहूर हो गए।

हॉलीवुड का किस्सा

हॉलीवुड को लेकर गुलशन ग्रोवर साहब का एक किस्सा कुछ इस प्रकार से है, कि किसी डायरेक्टर की नजर जब रेस्टोरेंट मैं बैठे गुलशन ग्रोवर पर पड़ी तो उसने उनसे सवाल किया क्या तुम मेरी फिल्म में काम करोगे। वह यह नहीं जानता था, कि गुलशन ग्रोवर बॉलीवुड में पहले ही एक सफल कलाकार हैं। गुलशन ग्रोवर हॉलीवुड की भी कई फिल्मों में काम कर चुके हैं।

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नमस्कार साथियों मेरा नाम दिवाकर गोदियाल है। यहां हर आर्टिकल या तो सामाजिक सरोकारों से जुड़ा है, या जीवन के निजी अनुभव से, शिक्षा, साहित्य, जन जागरण, व्यंग्य इत्यादि से संबंधित लेख इस ब्लॉग पर आप प्राप्त करेंगे 🙏