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world pharmacist day in hindi | फार्मेसी क्या है फार्मेसी के जनक

  विश्व   फार्मासिस्ट डे प्रत्येक वर्ष 25 सितंबर को मनाया जाना सुनिश्चित है। यह फार्मासिस्टों द्वारा अनेकों लोगों को उनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए किए प्रयत्नों को उजागर करने और उनके योगदान को बढ़ावा देने का दिवस है। मनाने की शुरुआत- 2009 में तुर्की ( इंस्ताबुल ) से एक अंतरराष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल फेडरेशन (IFP) परिषद ने सर्वप्रथम इस दिन को यह महत्व देने की शुरुआत की थी। वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे की शुरुआत करने वाला तुर्की से अंतरराष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल फेडरेशन (IFP) का स्थापना वर्ष 1912 दिवस 25 सितंबर है। क्योंकि 25 सितंबर ही IFP का स्थापना दिनांक है, इसलिए भी तुर्की के IFP सदस्यों ने इस दिवस को ही आने वाले वर्षों में वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे के तौर पर मनाए जाने की मांग की। इस वर्ष की थीम- वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे मेहता उन फर्म स्टॉकिंग तमाम योगदान को देखते हुए हर साल एक नई थीम को इस दिवस पर निर्धारित किया जाता है 2020 में इस दिवस पर वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे की थीम “Transforming global health” रखी गई थी। इस वर्ष 2021 में इस दिवस पर वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे की थीम “Pharmacy: always trust...

अफगान समाचार | अफगान के सार्क संगठन में सम्मिलित होने के लिए कोशिश | Afganistan news

सार्क दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन में तालिबान के प्रवेश होकर सदस्य बनने के लिए पाकिस्तान की पुरजोर कोशिश नाकाम हो गई है। पाकिस्तान सार्क की बैठक में उपस्थित सदस्य राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों के समूह से इस विषय को लिए अगुवाई कर रहा था, कि तालिबान सार्क संगठन का सदस्य होना चाहिए। न्यूयॉर्क में हुई इस बैठक में सार्क संगठन के सदस्यों ने पाकिस्तान की कोशिश जो कि तालिबान की अगुवाई करते हुए सार्क में शामिल करने की थी, नकार दी और इस मसले पर आम सहमति न बन पाने से उस दिवस की बैठक ही रद्द कर दी गई। संगठन के सात राष्ट्र सदस्यों में से पाकिस्तान के अलावा तालिबान को मान्यता देने वाला कोई राष्ट्र नहीं है। यूएन में तालिबान की भाषण के लिए कोशिश- अफगान कि तालिबान सरकार को अब तक मान्यता यूएन से प्राप्त न होने के चलते भी तालिबान अपने प्रतिनिधि का नाम संयुक्त राष्ट्र को प्रेषित कर चुका है। जिसमें उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में तालिबान का प्रतिनिधित्व के लिए सुहैल साहीन का नाम संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस को भेज, 76वें सत्र में अपनी बात रखने के लिए इजाजत की मांग की है। तालिबान सरकार के विद...

23 september अंतरराष्ट्रीय संकेतिक भाषा दिवस | वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ

अंतरराष्ट्रीय संकेतिक भाषा दिवस- 23 सितंबर को संपूर्ण विश्व में अंतरराष्ट्रीय संकेतिक भाषा दिवस के रुप में मनाया जाता है। यह दिवस विश्व में भाषा के उस प्रकार के महत्व को प्रकाश में लाता है, जो हम आज भी भाषा के इतने विकास हो जाने के पश्चात प्रयोग कर ही देते हैं। उदाहरण के लिए हम संकेत कर अपने दोस्त को दर्शाते हैं, कि गाड़ी उस और गई है,  तुम्हारी पेन उस डेस्क में है, तुम्हारी सीट वह है आदि। भाषा हमारे आचार विचारों को व्यक्त करने का माध्यम है, और सांकेतिक भाषा संकेतों की भाषा है, जहां हम अपने भावों विचारों को संकेतों के माध्यम से व्यक्त करते हैं। यह दिवस विश्व भर में सांकेतिक भाषा के उत्थान की ओर कदम है। इस वर्ष 2021 सांकेतिक दिवस की थीम “वी साइन फॉर ह्यूमन राइट्स” रखा गया है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ ( world federation of the deaf ) – अंतरराष्ट्रीय संकेतिक भाषा दिवस की अवधारणा सर्वप्रथम वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ ( WFD ) द्वारा की गई। WFD स्थापना वर्ष 1957 दिवस 23 सितंबर है, जो कि विश्व भर में 135 राष्ट्रों के बधिर लोगों के हितों के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी गणना है, कि दुनिया भर में लगभग ...

आयुष्मान योजना को 3 वर्ष पूरे | प्रदेश में अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना

आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना- 23 सितंबर को आयुष्मान भारत योजना को 3 वर्ष पूरे हुए हैं। उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी का कहना है, कि इस योजना के अंतर्गत अब तक 4 अरब रुपए तक खर्च किए जा चुके हैं, 44 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड प्रदेश में अब तक बनाए जा चुके हैं। अलग-अलग स्तरों पर आम जनमानस के आयुष्मान कार्ड बनाए जाने के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं। तहसील, ब्लॉक स्तर पर शिविर लगाकर आम लोगों के अयुष्मान कार्ड बनाने की कार्ययोजना जारी है। आयुष्मान योजना अपने 3 वर्ष पूरे कर चुकी है। जिसे लेकर मंथन 3.0 का आयोजन हुआ। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने इस उपलक्ष में योजना की राज्य में समीक्षा के परिपेक्ष में बैठक की। क्या है आयुष्मान भारत योजना- 3 वर्ष पूर्व प्रारंभ की गई यह योजना केंद्र सरकार की योजना है। जिसे 3 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। यह योजना भारत वर्ष में 10 करोड परिवारों को निशुल्क स्वास्थ्य सेवा देने की है। जिसमें प्रति परिवार प्रतिवर्ष चिकित्सा सुविधा के तौर पर ₹5 लाख तक का निशुल्क उपचार देने की घोषणा है। आयुष्मान योजना से उत्तराखंड को लाभ- देशभर में 10...

राशन कार्ड के आवेदन में आवश्यक दस्तावेजों का विवरण | नया राशन कार्ड बनवाने के लिए क्या करें

नवीनीकरण / नया राशन कार्ड के लिए आवेदन में आवश्यक दस्तावेजों का विवरण- 1. मुखिया की एक पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ-   राशन कार्ड के आवेदन के लिए घर के उस परिवार के मुखिया की पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ जो नए राशन कार्ड के लिए आवेदन कर रहे हैं। 2. पुराना राशन कार्ड यदि / राशन कार्ड के निरस्तीकरण प्रमाण पत्र / नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट 3. मुखिया से संबंधित निम्न कागजों की फोटोकॉपी- ● बैंक में खाते की बुक के पहले और आखिरी पेज की फोटो कॉपी लानी होती है। ● गैस बुक की प्रथम पृष्ठ की फोटो कॉपी लानी होती है 4. सभी सदस्य जो राशन कार्ड में होंगे के संबंधित दस्तावेज- उस परिवार के सभी सदस्य के आधार कार्ड की फोटो कॉपी आवश्यक है।  अर्थात राशन कार्ड पर जिन सदस्यों का नाम दर्ज होगा, उन सभी के आधार कार्ड की फोटोकॉपी आवश्यक है। 5. आय प्रमाण पत्र संबंधित किसी एक दस्तावेज की फोटो कॉपी- ● नौकरी होने पर या तो सैलरी स्लिप की फोटोकॉपी। या ● इनकम टैक्स द्वारा वापस दी गई रिसिप्ट की फोटोकॉपी। या ● आय प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी। 6. निवास स्थान एड्रेस के सत्यापन के लिए निम्न में से किसी एक दस्तावेज की फोटो कॉपी- ● हा...

मेधावी छात्र से बैडमैन तक का सफर | गुलशन ग्रोवर जन्मदिन विशेष

गुलशन ग्रोवर बचपन गुलशन ग्रोवर जी स्कूल के दिनों में बड़े मेधावी छात्र हुआ करते थे। विद्यालय में अच्छे अंको से पास होना, और एक अच्छे विद्यार्थी की तरह शालीन स्वभाव से पर्दे पर बैडमैन हो जाने तक का सफर कैसे तय हुआ। वे दिल्ली में पले बड़े, दिल्ली के ही स्कूल में उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की परिवार की स्थिति इतनी बेहतर नहीं थी, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, जब गुलशन ग्रोवर जी कहते हैं, कि मैं बचपन में स्कूल की ड्रेस को अपने साथ लिए सुबह डिटर्जेंट और साबुन, फिनायल इत्यादि को बेचने घर-घर जाया करता था। आप की अदालत मैं गुलशन ग्रोवर का अपने बचपन के विषय में कहना है, कि जो लोग उन्हें बचपन में जानते थे, आज पर्दे पर उन्हें देखकर जरूर सोचते हैं, कि यह इतना अच्छा लड़का ऐसे रोल कैसे कर सकता है, यह तो ऐसा लड़का है ही नहीं। गुलशन ग्रोवर असल जिंदगी में कभी बैडमैन रहे ही नहीं उनकी बहनों से सुने तो बचपन में गुलशन उन्हें पढ़ाया करते थे। स्कूल समय से ही झगड़े लड़ाइयों से दूर रहे गुलशन स्क्रीन पर एक अलग ही रंग में दिखते हैं। बचपन से ही कलाकारी का एक अलग शौक गुलशन साहब को रहा। उन्होंने बचप...

अफगान घटनाक्रम | अफगान में महिलाएं | तालिबान को लेकर दुनिया

  तालिबान में महिलाएं- तालिबानी महिलाओं को लेकर कैसी मनः स्थिति में है, और समय के साथ कितना परिवर्तन स्वयं में ला पाने में वह सफल हो सका है, यह सब तालिबान से आने वाली खबरों में साफ हो रहा है, महिलाओं का सड़कों पर प्रदर्शन अपनी आजादी और खुली सांस की लड़ाई। तालिबान मानसिकता में जीवन के समस्त अधिकारों को वे खो नहीं देना चाहती। वे उन जंजीरों में बंध कर खुद को कैदी महसूस कर रही हैं। वह दुनिया में खुद को उन महिलाओं में गिनना चाहती हैं, जो हर विषय पर कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति की राह में सेवा दे सकती हैं। ऐसे में तालिबानी बुर्खा, हिजाब उन्हें तो जरूर ढक लेगा, किंतु उनके आक्रोश की ज्वाला, हक को लड़ने की मानसिकता को नहीं ढक सकता है, तालिबान से महिलाओं को लेकर सर्वाधिक पिछड़े फैसलों की अपडेट मिल रही हैं, किंतु अफगानी महिलाओं ने अपने अपने स्तर से इस मानसिकता के खिलाफ जंग को जारी रखने की मुहिम छोड़ी नहीं है। सोशल मीडिया पर रंग बिरंगे वस्त्रों में अपनी तस्वीरों को वह पोस्ट कर रही हैं। वे लिखती हैं, कि वह रंग बिरंगी पोशाक हमारी संस्कृति हैं, तालिबान हमारी पहचान तय नहीं करेगा। इस प्रकार से विरोध ...